"फिरोज़शाह मेहता": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
fix lint error |
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है |
||
पंक्ति 1:
[[चित्र:Statue of Sir Pherozeshah Mehta.jpg|thumb|300px|मुम्बई में फिरोजशाह मेहता की प्रतिमा]]
'''सर फिरोजशाह मेहता''' (४ अगस्त १८४५ - ५ नवम्बर १९१५) [[भारत]] एक स्वतंत्रा सेनानी, न्यायविद तथा पत्रकार थे। वे एक उदार राजनीतिज्ञ थे जिनका प्रयास था कि [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] पर कट्टरपंथियों का अधिकार न हो सके। वे बहुत-से संस्थानों के जन्मदाता थे। मुंबई नगर पालिका के सदस्य होने के साथ ही वे नगर पालिका अध्यक्ष भी रहे और इस संस्था के सुधार के लिए उन्होंने बहुत से कार्य किये। वे बॉम्बे प्रेजीडेंसी एसोसिएशन में सक्रिय होने के साथ-साथ इसके अध्यक्ष भी रहे। वे मुंबई के एडवोकेट जनरल और इंपिरियल लेजिसलेटिव काउंसिल के सदस्य थे। वे [[मुंबई विश्वविद्यालय|मुम्बई विश्वविद्यालय]] से जुड़े रहे और एक दैनिक समाचार पत्र- 'दि बॉम्बे क्रॉनिकल' की स्थापना की।
== जीवनी ==
[[चित्र:C375.jpg|thumb|250px|thumb|फिरोजशाह मेहता]]
सर फिरोजशाह मेहरवांजी मेहता का जन्म [[
न्यायवेत्ता के कार्य में इन्होंने अपूर्व ख्याति उपलब्ध की परंतु इन्होंने अपने स्वार्थसाधन के लिये न्याय की मर्यादा का अतिक्रमण नहीं किया। तीन बार ये बंबई कारपोरेशन के सभापति चुने गए। उस समय कारपोरेशन की दशा शोचनीय थी। उसकी उन्नति के लिये मेहता जी ने हार्दिक प्रयत्न किया। इसलिये ये बंबई कारपोरेशन के बिना छत्रधारी राजा कहलाने लगे। बंबई सरकार ने कारपोरेशन के संगठन के लिये एक बिल प्रस्तुत किया जो अहितकर था। अत: बंबई की जनता ने उसका विरोध किया। इसे परिवर्तित करने के लिये बंबई के गवर्नर ने इस मसविदे को तेलंग और मेहता के पास भेज दिया। इस युगल मूर्ति ने सरकार तथा प्रजा दोनों के हित का ध्यान रखते हुए इस बिल को बड़ी सुदंरता से परिवर्तित किया।
|