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'''सर वाल्टर स्काट''' (Sir Walter Scott, 1st Baronet, FRSE ; १७७१ - १८३२ ई.) [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] के प्रसिद्ध ऐतिहासिक [[उपन्यास]]कार, [[नाटक]]कार तथा [[कवि]] थे। स्कॉट अंग्रेजी भाषा के प्रथम साहित्यकार थे जिन्हें अपने जीवनकाल में ही अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हो गयी थी।<ref>[http://www.scottsabbotsford.co.uk/history/ "Walter Scott was the foremost literary figure of his days". Retrieved 2011-04-09.]</ref>
 
==परिचय==
स्काट का जन्म सन् १७७१ ई. में [[एडिनबर्ग|एडिनबरा]] नगर में हुआ जहाँ उनके पिता 'राइटर टु दी सिगनेट' के पद पर कार्य करते थे। बाल्यकाल में उन्होंने कुछ वर्ष अपने पितामह के साथ [[ट्वीड नदी]] की घाटी में व्यतीत किए, जहाँ उनका मन प्रकृतिप्रेम और [[स्कॉट्लैण्ड|स्काटलैंड]] के प्रति आकर्षण से भर गया। स्काटलैंड के सीमांत प्रदेश की शौर्यपूर्ण कथाओं से उन्हें विशेष अनुराग था। उनकी शिक्षा एडिनबरा में हुई। [[एडिनबरा विश्वविद्यालय]] से उन्होंने [[विधि|कानून]] की शिक्षा प्राप्त की और १७९२ ई. में [[बैरिस्टर]] की हैसियत से कार्य करने लगे। यद्यपि जीविका के लिए उन्होंने इस व्यवसाय को अपनाया तथापि उनकी अभिरुचि मुख्यत: साहित्यिक थी। अत: उन्होंने अपना अधिकांश समय साहित्यसेवा को ही प्रदान किया तथा अंत में कवि, उपन्यासकार एवं इतिहास ग्रंथों के प्रणेता के रूप में प्रसिद्ध हुए।
 
सन् १८१२ ई. में स्काट ने [[मेलरोज]] के निकट ट्वीड नदी के तट पर अपने लिए एक भव्य भवन का निर्माण किया जो प्राचीन कथाओं में वर्णित चमत्कारपूर्ण प्रासादों की याद दिलाता था। लेखन के अतिरिक्त स्काट ने 'वेलेंटाइन' नामक एक व्यक्ति के साथ मिलकर प्रकाशन व्यवसाय में भी भाग लिया। कुछ वर्षों के बाद इस व्यवसाय में हानि हुई जिसकी पूर्ति के लिए सन् १८२६ के उपरांत लेखक ने अथक और अनवरत परिश्रम किया। फलत: उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। उनका देहांत सन् १८३२ में हुआ। स्काट का चरित्र उदात्त तथा उनका मन देशप्रेम, साहित्यप्रेम तथा आत्मसम्मान की भावना से परिपूर्ण था।
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स्काट ने चार पाँच नाटकों की भी रचना की जिनकी कथावस्तु का संबंध स्काटलैंड के इतिहास एवं जनश्रुति से है। इन नाटकों में लेखक को विशेष सफलता नहीं मिली। इसके अतिरिक्त स्काट ने अनेक साहित्यक, ऐतिहासिक तथा पुरातत्वविषयक ग्रंथों का सृजन अथवा संपादन किया। इस प्रकार के ग्रंथों में प्रमुख हैं -
*(१) [[जॉन ड्राइडेन|ड्राइडेन]] का जीवनचरित् तथा उनकी रचनाओं का नवीन संस्करण १८०८,
*(२) [[जोनाथन स्विफ्ट|स्विफ़्ट]] का जीवनचरित् तथा उनकी कृतियों का नवीन संस्करण १८१७,
*(३) बोर्डर ऐंटिंक्विटीज़ ऑव इंग्लैंड ऐंड स्काटलैंड (१८१४-१७),
*(४) प्रविंशियल ऐंटिक्विटीज ऑव स्काटलैंड (१८१९-१८२६) आदि।
 
यद्यपि सर वाल्टर स्काट विशेषतया अपने उपन्यासों के लिए ही प्रसिद्ध हैं तथापि उनकी '''काव्य'''रचनाओं में रोचकता एवं वैशिष्ट्य का अभाव नहीं है। अपने शौर्यवर्णन, देश-प्रेम-प्रकाशन एवं ओज के कारण ये रचनाएँ आज भी पठनीय एवं आनंददायिनी बनी हुई हैं। लेखक के उपन्यासों का विशेष महत्व है। इनमें इंग्लैंड और स्काटलैंड के इतिहास से सामग्री लेकर जीवन के विराट् चित्र प्रस्तुत किए गए हैं। कतिपय उपन्यासों में मध्ययुगीन जीवन की झलक देखने को मिलती है। सभी कथाओं में कल्पना तथा यथार्थ तथ्यों का सुंदर मिश्रण हुआ है। घटनाएँ और पात्र जीवन के सभी स्तरों से लिए गए हैं। अत: स्काट के उपन्यासों में सार्वभौम आकर्षण मिलता है। अंग्रेजी में स्काट ऐतिहासिक उपन्यासों के प्रथम सफल लेखक थे। यद्यपि वस्तुविन्यास और शैली कहीं कहीं त्रुटिपूर्ण हैं तथापि भावुकता, कवित्व, कल्पना एवं यथार्थ की संश्लिष्ट अभिव्यक्ति के कारण इन उपन्यास में अनुपम रोचकता उत्पन्न हो गई है। स्काट के उपन्यासों का प्रभाव न केवल [[इंग्लैण्ड|इंग्लैंड]] वरन् [[यूरोप]] के अन्य देशों के साहित्य पर भी पड़ा।
 
==सन्दर्भ==