"गणितीय भौतिकी": अवतरणों में अंतर

कहा जा सकता है की जो व्यक्ति ज्यादा गणित जानता है वह भौतिकी विज्ञान को सम्यक प्रकार से जान सकता है
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'''गणितीय भौतिकी''' (Mathematical physics) [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]] की समस्याओं के समाधान के लिये गणितीय विधियों के विकास से संबन्धित है। 'गणितीय भौतिकी पत्रिका' (Journal of Mathematical Physics) इस विषय इस तरह परिभाषित करती है-
:"भौतिकी की समस्याओं के लिये गणित का अनुप्रयोग तथा ऐसे अनुप्रयोगों और भौतिकीय सिद्धान्तों के सूत्रीकरण (Formulation) के लिये समुचित गणितीय विधियों का विकास करना।"कहा जा सकता है की जो व्यक्ति ज्यादा गणित जानता है वह भौतिकी विज्ञान को सम्यक प्रकार से जान सकता है
 
== विषय-क्षेत्र (scope) ==
गणितीय भौतिकी की बहुत सी शाखाएँ हैं। विशिष्ट ऐतिहासिक अवधियों के संगत विशिष्ट शाखाएँ विकसित हुईं। [[आंशिक अवकल समीकरण|आंशिक अवकल समीकरणों]] का सिद्धांत (तथा इससे संबंधित क्षेत्र जैसे - variational calculus, फूर्ये विश्लेषण, विभव सिद्धांत तथा सदिश विश्लेषण) का संभवतः गणितीय भौतिकी से सबसे निकट का संबन्ध है। इन क्षेत्रों का विकास अट्ठारहवीं सदी के उत्तरार्ध से लेकर १९३० के दशक तक तेजी से हुआ। इनके विकास के फलस्वरूप जो भौतिकीय अनुप्रयोग सामने आये वे हैं- [[तरल गतिकी|द्रवगतिकी]] (hydrodynamics), [[खगोलीय यांत्रिकी]] (celestial mechanics), [[प्रत्यास्थता सिद्धांत]] (elasticity theory), [[ध्वनिकी]] (acoustics), [[उष्मागतिकी|ऊष्मागतिकी]] (thermodynamics), [[विद्युत्चुम्बकत्व|विद्युतचुम्बकत्व]] (ElectroMagnetism), तथा [[वायुगतिकी]] (aerodynamics)।
 
[[परमाणु वर्णक्रम]] (Atomic Spectrum) का सिद्धांत (फलस्वरूप [[प्रमात्रा यान्त्रिकी|क्वांटम यांत्रिकी]]) का विकास [[रैखिक बीजगणित]], प्रचालकों का वर्णक्रमिक सिद्धांत (Spectral Theory of Operators), तथा फलनीय विश्लेषण (Functional Analysis) के साथ-साथ हुई। ये सभी गणितीय भौतिकी के एक अन्य प्रभाग के गणितीय आधार हैं।
 
{{गणित}}