"प्रचालन तन्त्र": अवतरणों में अंतर

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'''प्रचालन तंत्र''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:''ऑपरेटिंग सिस्टम'') [[सॉफ्टवेयर|साफ्टवेयर]] का समूह है जो कि आंकड़ों एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है। यह [[हार्डवेयर]] एवं [[सॉफ्टवेयर|साफ्टवेयर]] के बीच सेतु का कार्य करता है और कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर घटक होता है। इसी की सहायता से ही कंप्यूटर में स्थापित प्रोग्राम चलते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का मेरुदंड होता है, जो इसके सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर को नियंत्रण में रखता है। यह अनधिकृत व्यक्ति को कंप्यूटर के गलत प्रयोग करने से रोकता है।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-77885.html ऑपरेटिंग सिस्टम]। हिन्दुस्तान लाइव।{{हिन्दी चिह्न}}। प्रमोद पंत।[[२५ अक्टूबर]], [[२००९]]</ref> वह इसमें भी विभेद कर सकता हैं कि कौन सा निवेदन पूरा करना है और कौन सा नहीं, इसके साथ ही इनकी वरीयता भी ध्यान रखी जाती है। इसकी मदद से एक से ज्यादा सीपीयू में भी प्रोगाम चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा [[संगणक संचिका]] को पुनः नाम देना, डायरेक्टरी की विषय सूची बदलना, डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य भी प्रचालन तंत्र के द्वारा किए जाते है।<ref name="तकनीक"/> [[डॉस]] (DOS), [[यूनिक्स]], [[माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़|विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम]] (३.१, ९५, ९८, २०००, [[विन्डोजविंडोज़ एक्स .पी.|एक्स पी]], [[विन्डोज़विंडोज़ विस्ताविस्टा|विस्ता]], [[विंडोज़ 7|विंडोज ७]]) और [[लिनक्स]] आदि कुछ प्रमुख प्रचालन तंत्र हैं।<ref name="तकनीक">[http://takneek.com/what-is-a-software/ ये सॉफ्टवेयर क्या होता है ?]। तकनीक.कॉम।[[२ जुलाई]], [[२००८]]।{{हिन्दी चिह्न}}। कमल</ref>
 
विभिन्न प्रचालन तंत्रों में से कुछ हैं:[[लिनक्स]], [[मॅक ऑपरेटिंग सिस्टम|मैक ओएस एक्स]], [[डॉस]], [[आईबीएम|आईबीएम ओएस/2 (IBM OS/2)]], [[यूनिक्स]], विन्डोज सीई, विन्डोज 3.x, विन्डोज ९५, विन्डोज ९८, विन्डोज मिलेनियम, विन्डोज़ एनटी, विन्डोज २०००, [[विंडोज़ एक्स.पी.|विन्डोज़ एक्स पी]], [[विंडोज़ विस्टा|विन्डोज़ विस्टा]], [[विंडोज़ 7|विन्डोज़ 7]]।
 
[[चित्र:Ubuntu 9.04 Jaunty Jackalope.png|thumb|200px|left|[[उबण्टू|उबंटु]]]]
प्रचालन तंत्र कंप्यूटर से जुड़े कई मौलिक कार्यों को संभालता है, जैसे की-बोर्ड से इनपुट लेना, डिस्प्ले स्क्रीन को आउटपुट भेजना, डाइरेक्टरी और [[संगणक संचिका]] को डिस्क में ट्रेक करना, इत्यादि। बड़े कंप्यूटरों में इसका काम और अधिक होता है।<ref name="हिन्दुस्तान"/> वह इनमें लगातार यह जांच करता है कि एक ही समय पर कंप्यूटर में चलने वाले प्रोगामों, फाइलों और एक ही समय पर खुलने वाली साइटों में दोहराव न हो। आरंभिक दौर में यह मेनफ्रेम कंप्यूटरों पर बड़े कामों के लिए ही हुआ करता था। बाद में धीरे-धीरे माइक्रोकम्प्यूटर्स में भी मिलने लगा, लेकिन उस समय इसमें एक समय पर केवल एक ही प्रोगाम रन करा सकते थे। मेनफ्रेम कंप्यूटर में १९६० में पहली बार बहुकार्यिक (मल्टीटास्किंग) सिस्टम आया था। इससे एक समय में एक से ज्यादा उपयोक्ता काम कर सकते थे। १९७० लिनक्स ने पहली बार पीडीपी-७ में प्रचालन तंत्र निकाला, जो मुख्यतया मल्टीटास्किंग, स्मृति प्रबंधन (मेमोरी मैनेजमेंट), स्मृति संरक्षण (मेमोरी प्रोटेक्शन) जैसे कार्य करता था।