"अमलतास": अवतरणों में अंतर

No edit summary
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 19:
| species = '''''C. fistula'''''
| binomial = ''Cassia fistula''
| binomial_authority = [[Carolusकार्ल Linnaeusलीनियस|L.]]
| synonyms =
Many, see [[#Taxonomy|text]]
पंक्ति 26:
'''अमलतास''' [[English : golden shower,<ref>{{PLANTS|id=CAFI3|taxon=Cassia fistula|accessdate=January 11, 2016}}</ref> purging cassia, <ref name=BSBI07>{{cite web|title=BSBI List 2007 |publisher=Botanical Society of Britain and Ireland |url=http://www.bsbi.org.uk/BSBIList2007.xls |format=xls |archive-url=https://www.webcitation.org/6VqJ46atN?url=http://www.bsbi.org.uk/BSBIList2007.xls |archive-date=2015-01-25 |accessdate=2014-10-17 |url-status=dead }}</ref>Indian laburnum,<ref>{{GRIN | accessdate = April 2, 2019}}</ref> pudding-pipe tree<ref name="Saunders 1891">U. S. Department of Agriculture, William Saunders; Catalogue of Economic Plants in the Collection of the U. S. Department of Agriculture; Washington D. C.; June 5, 1891</ref>] पीले फूलो वाला एक शोभाकर वृक्ष है।
 
अमलतास को [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] में व्याधिघात, नृप्रद्रुम इत्यादि, [[गुजराती भाषा|गुजराती]] में गरमाष्ठो, [[बांग्लाबाङ्ला भाषा|बँगला]] में सोनालू तथा [[लातिन भाषा|लैटिन]] में ''कैसिया फ़िस्चुला'' कहते हैं। [[हिन्दीहिंदी शब्दसागर|शब्दसागर]] के अनुसार हिंदी शब्द अमलतास संस्कृत अम्ल (खट्टा) से निकला है।
 
भारत में इसके वृक्ष प्राय: सब प्रदेशों में मिलते हैं। तने की परिधि तीन से पाँच कदम तक होती है, किंतु वृक्ष बहुत उँचे नहीं होते। शीतकाल में इसमें लगनेवाली, हाथ सवा हाथ लंबी, बेलनाकार काले रंग की फलियाँ पकती हैं। इन फलियों के अंदर कई कक्ष होते हैं जिनमें काला, लसदार, पदार्थ भरा रहता है। वृक्ष की शाखाओं को छीलने से उनमें से भी लाल रस निकलता है जो जमकर [[गोंद]] के समान हो जाता है। फलियों से मधुर, गंधयुक्त, पीले कलझवें रंग का उड़नशील तेल मिलता है।
 
== गुण ==
[[आयुर्वेद]] में इस वृक्ष के सब भाग औषधि के काम में आते हैं। कहा गया है, इसके पत्ते [[मल]] को ढीला और कफ को दूर करते हैं। फूल कफ और पित्त को नष्ट करते हैं। फली और उसमें का गूदा पित्तनिवारक, कफनाशक, [[विरेचक]] तथा वातनाशक हैं फली के गूदे का [[आमाशय (पेट)|आमाशय]] के ऊपर मृदु प्रभाव ही होता है, इसलिए दुर्बल मनुष्यों तथा गर्भवती स्त्रियों को भी विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जा सकता है।
 
अफारा ,मुंह में पानी आना आदि लक्षणों में भी इसका उपयोग किया जाता है
पंक्ति 44:
 
== इन्हें भी देखें==
*[[कनक चम्पा|कर्णिकार]]
 
==सन्दर्भ==