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'''बनारसी दास गुप्ता''' (जन्म- 5 नवम्बर 1917, हरियाणा; मृत्यु- 29 अगस्त 2007) एक [[स्वतंत्रता सेनानी|स्वतंत्रता संग्राम सेनानी]], [[राजनीतिज्ञराजनीति]]ज्ञ, और समाज सेवी थे। वे 1 दिसम्बर 1975 से 30 अप्रैल 1977 तक तथा पुनः 22 मई 1990 से 12 जुलाई 1990 तक [[हरियाणा]] राज्य के [[मुख्यमन्त्री (भारत)|मुख्यमंत्री]] रहे। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी होते हुए सामाजिक, राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन को अपने अंदाज में जिया। बनारसी दास गुप्ता [[हिन्दी|हिन्दी भाषा]] के पक्षधर और यथार्थवादी आदर्श जननायक थे। उन्होंने राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाकर हरियाणा की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान दिया था।
 
आपनेने 'अपना देश', 'हरियाणा केसरी' और 'हरियाणा कांग्रेस पत्रिका' के द्वारा राजनैतिक जागृति तथा समाज सुधार के क्षेत्र में योगदान किया।
 
== जीवन परिचय ==
बाबू जी के नाम से मशहूर बनारसी दास गुप्ता जी का जन्म जन्म 5 नवम्बर 1917 को तत्कालीन [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] के [[जींद]] जिले के मानेहरु गांव में लाला रामसरुप दास जी के घर हुआ। आपकी शिक्षा कितलाना, चरखी दादरी एवं पिलानी में हुई। 'बिड़ला कॉलेज', पिलानी में शिक्षा प्राप्त की थी। [[जवाहरलाल नेहरुनेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरु]] के प्रेरणादायी भाषण से प्रभावित होकर आप अपनी पढ़ाई छोड़कर [[स्वतंत्रता संग्राम]] में कूद पड़े और संघर्ष समिति की स्थापना की। स्वतंत्रता आंदोलन में आपको कई बार जेल भी जाना पड़ा।
 
बनारसी दास गुप्ता जी की गतिविधियां देखकर [[जींद]] रियासत में उन्हें 1941 ई. में गिरफ्तार करके फरीदकोट जेल में बंद कर दिया था। [[भारत छोड़ो आन्दोलन|भारत छोड़ो आंदोलन]] में भी बनारसी दास गुप्ता ने भाग लिया और 1942 से 1944 ई. तक जेल में बंद रहे।
 
आजादी के पश्चात बनारसी दास जी ने जींद को भारत में शामिल करने के लिए आंदोलन किया और वहां समानांतर सरकार बनाई। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल द्वारा जींद को पंजाब में सम्मिलित करने के समझौते के बाद ही यह आंदोलन समाप्त हुआ। 1968 के मध्यावधि चुनावों में वे [[भिवानी]] विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। 1972 में फिर से [[विधायक]] बने एवं सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने गए<ref>http://legislativebodiesinindia.nic.in/STATISTICAL/Haryana.htm</ref>। गुप्ता जी बिजली एवं सिंचाई, कृषि, स्वास्थ्य आदि विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। 1975 में इन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया। 1987 में एक बार फिर [[भिवानी]] से विधायक बने और उप-मुख्यमंत्री चुने गए। 1989 में एक बार फिर हरियाणा के [[उपमुख्यमंत्री]] रहे। सितम्बर 1990 में आप पर एक जानलेवा हमला भी हुआ। 1996 में आप [[राज्य सभा]] के लिये चुने गए।
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|title=Banarsi Das Gupta dead
|date= August 30, 2007
|work=[[द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया|टाइम्स ऑफ़ इंडिया]]
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