"दुर्गेशनन्दिनी": अवतरणों में अंतर
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'''दुर्गेशनन्दिनी''' (शाब्दिक अर्थ : ''दुर्ग के स्वामी की बेटी'') [[बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय]] द्वारा रचित प्रथम [[बाङ्ला भाषा|बांग्ला]] [[उपन्यास]] था। सन १८६५ के मार्च मास में यह उपन्यास प्रकाशित हुआ। दुर्गेशनन्दिनी बंकिमचन्द्र की चौबीस से लेकर २६ वर्ष के आयु में लिखित उपन्यास है। इस उपन्यास के प्रकाशित होने के बाद बांग्ला कथासाहित्य की धारा एक नये युग में प्रवेश कर गयी। १६वीं शताब्दी के [[ओडिशा|उड़ीसा]] को केन्द्र में रखकर [[
==इन्हें भी देखें==
* [[आनन्द मठ|आनन्दमठ]]
* [[S:दुर्गेशनन्दिनी प्रथम भाग|दुर्गेशनन्दिनी प्रथम भाग]] - विकिस्रोत पर पढ़ें।
[[श्रेणी:बांग्ला साहित्य]]
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