"रक्तस्राव": अवतरणों में अंतर

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त्वचा के मामूली छिल जाने, या कट जाने अथवा नक्सीर फूट जाने, पर विशेष चिकित्सा की आवश्यकता नहीं होती, पर अन्य प्रकार के रक्तस्रावों के लिए विशेष चिकित्सा की आवश्यकता होती है। रक्तस्राव को रोकने के मुख्य सिद्धांत हैं -
* (१) रक्तस्राव को रोकने का प्रयास करना,
* (२) रक्त के परिमाण को [[रक्ताधान|रुधिराधान]] द्वारा सामान्य बनाना तथा रोगी को शांत, सुखद एवं विश्वासपूर्ण स्थिति में रखना।
 
जब अधिक रक्तस्राव हो रहा हो उस समय रोगी को बिना तकिया के चित लेटना चाहिए तथा रोगी को गरम रखना चाहिए। यदि रोगी को रक्त [[उल्टी|वमन]] न हो रहा हा, तो उसे [[दूध]] पिलाना चाहिए। रक्तस्राववाले स्थान पर सीधे दबाव डालकर रक्त बंद किया जाता है। धमनीय रक्तस्रावों को रोकने के लिए [[रक्तबंध]] (tourniquet) का उपयोग किया जाता है। [[शल्यचिकित्सा|शल्यकर्म]] के समय रक्तवाहिकाओं को बाँधकर रक्तस्राव रोकते हैं, या ऐसे अभिकर्मकों का उपयोग करते हैं जो रक्त का गाढ़ा करते हैं। शिरीय एवं केशिकीय रक्तस्राव को रोकना सहज कार्य है किंतु धमनीय रक्तस्राव को रोकने में कठिनाई होती है। धमनीय रक्तस्राव रोकने के लिए तत्काल डाक्टर द्वारा उपचार कराना चाहिए, अन्यथा विलंब के कारण अधिक रक्तस्राव हो जाने पर रोगी के मर जाने का भय रहता है।
 
== इन्हें भी देखें ==