"प्रेमचंद": अवतरणों में अंतर

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'''प्रेमचंद''' (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) [[हिन्दी]] और [[उर्दू]] के भारतीय लेखकों में से एक थे ।
'''[https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html मुंशी प्रेमचंद]''' ने 1898 में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण कर स्थानीय विद्यालय में शिक्षक नियुक्त हो गए। B.A करने के बाद मुंशी प्रेमचंद शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हो गए। [https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html मुंशी प्रेमचंद] का पहला विवाह उन दिनों की परंपरा के अनुसार 15 साल की उम्र में हुआ जो सफल नहीं रहा 1926 में इन्होंने विधवा विवाह का समर्थन करते हुए बाल विधवा [https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html शिवरानी देवी] से दूसरा विवाह किया। उनसे तीन संताने हुई श्रीपत राय [https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html अमृतराय] और [https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html कमला देवी] श्रीवास्तव 1910 में उनकी रचना सोजे वतन के लिए हमीरपुर के जिला कलेक्टर ने तलब किया तो जीवन की सभी प्रतियां जब्त कर नष्ट कर दी गई इस समय तक प्रेमचंद नवाब राय नाम से उर्दू में लिखते थे उर्दू में प्रकाशित होने वाली जमाना पत्रिका के संपादक और उनके दोस्त मुंशी दया नारायण निगम ने उन्हें प्रेमचंद नाम से लिखने की सलाह दी इसके बाद वे प्रेमचंद के नाम से लिखने लगे।
शुरु में वे नवाब राय नाम से उर्दू में लिखते थे उर्दू में प्रकाशित होने वाली जमाना पत्रिका के संपादक और उनके दोस्त मुंशी दया नारायण निगम ने उन्हें प्रेमचंद नाम से लिखने की सलाह दी इसके बाद वे प्रेमचंद के नाम से लिखने लगे।
 
[https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html मुंशी प्रेमचंद रचनाओं] में सबसे पहले आते हैं उनके उपन्यास गोदान 1936 गबन 1931 सेवा सदन 1918 कर्मभूमि 1920 वरदान 1921 प्रेमाश्रम 1921 रंगभूमि 1925 निर्मला 1927 प्रतिज्ञा कायाकल्प 1926 मंगलसूत्र 1948 में लिखा था।