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'''संताली''' [[संथाल परिवार]] की प्रमुख [[भाषा]] है। यह [[असम]], [[झारखण्ड|झारखंड]], [[ओडिशा|उड़ीसा]], [[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ]], [[बिहार]], [[त्रिपुरा]] तथा [[बंगाल]] में बोली जाती है।
 
संताली, [[हो भाषा|हो]] और [[मुंडारी भाषा|मुंडारी]] भाषाएँ [[आग्नेय भाषापरिवार|ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार]] में मुंडा शाखा में आती हैं। संताल [[भारत]], [[बांग्लादेश]], [[नेपाल]] और [[भूटान]] में लगभग ७६ लाख लोगोंलोग सेयह बोलीभाषा जातीबोलते है।हैं। उसकी अपनी पुरानी [[लिपि]] का नाम '[[ओलचिकी लिपि|ओल चिकी]]' है। अंग्रेजी काल में संथाली [[रोमन]] में लिखी जाती थी। भारत के उत्तर झारखण्ड के कुछ हिस्सोँ मे संथाली लिखने के लिये [[देवनागरी|ओल चिकी]] लिपि का प्रयोग होता है।
 
संतालों द्वारा बोली जानेवाली भाषा को संताली कहते हैं। संताली दुनिया का सबसे पुरानापुरानी भाषाभाषाओं हैमें से है।
'''संताली''' [[संथाल परिवार]] की प्रमुख [[भाषा]] है। यह [[असम]], [[झारखण्ड|झारखंड]], [[ओडिशा|उड़ीसा]], [[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ]], [[बिहार]], [[त्रिपुरा]] तथा [[बंगाल]] में बोली जाती है।
 
संताली, [[हो भाषा|हो]] और [[मुंडारी भाषा|मुंडारी]] भाषाएँ [[आग्नेय भाषापरिवार|ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार]] में मुंडा शाखा में आती हैं। संताल भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में लगभग ७६ लाख लोगों से बोली जाती है। उसकी अपनी पुरानी लिपि का नाम 'ओल चिकी' है। अंग्रेजी काल में संथाली रोमन में लिखी जाती थी। भारत के उत्तर झारखण्ड के कुछ हिस्सोँ मे संथाली लिखने के लिये [[देवनागरी|ओल चिकी]] लिपि का प्रयोग होता है।
 
संतालों द्वारा बोली जानेवाली भाषा को संताली कहते हैं। संताली दुनिया का सबसे पुराना भाषा है ।
==बोली==
संताली की बोलियों में कमारी-संताली, करमाली (खोले), लोहारी-संताली, महाली, मांझी, पहाड़िया शामिल हैं।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[ओलचिकी लिपि]]
* [[सांथाल जनजाति|संताल जनजाति]]
* [[झारखंड के लोग]]