"ईड़ा": अवतरणों में अंतर
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कई योग शास्त्रों में ईड़ा को तीन प्रमुख नाड़ियों में से एक माना गया है। अन्य दो के नाम हैं - [[पिंगला]] और [[मेरूरज्जु|सुषुम्ना]]।
ईड़ा ऋणात्मक ऊर्जा का वाह करती है। [[शिव स्वरोदय]] ईड़ा द्वारा उत्पादित ऊर्जा को चन्द्रमा के सदृश्य मानता है अतः इसे ''चन्द्रनाड़ी'' भी कहा जाता है। इसकी प्रकृति शीतल, विश्रामदायक और चित्त को अंतर्मुखी करनेवाली मानी जाती है। इसका उद्गम मूलाधार चक्र माना जाता है - जो मेरुदण्ड के सबसे नीचे स्थित है।
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