"सूर्य सेन": अवतरणों में अंतर

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'''सूर्य सेन''' (1894 - 12 जनवरी 1934) [[भारत]] की [[स्वतंत्रता संग्राम]] के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होने [[इंडियन रिपब्लिकन आर्मी]] की स्थापना की और [[चटगांव विद्रोह]] का सफल नेतृत्व किया। वे नेशनल हाईस्कूल में सीनियर ग्रेजुएट शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और लोग प्यार से उन्हें "मास्टर दा" कहकर सम्बोधित करते थे।
 
अंग्रेजों ने उन्हें १२ जनवरी १९३४ को [[मेदिनीपुर]] जेल में [[फाँसी|फांसी]] दे दी।
 
== प्रारम्भिक जीवन ==
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== चटगाँव विद्रोह का प्रभाव, गिरफ्तारी तथा मृत्यु ==
इस घटना ने आग में घी का काम किया और बंगाल से बाहर देश के अन्य हिस्सों में भी स्वतंत्रता संग्राम उग्र हो उठा। इस घटना का असर कई महीनों तक रहा। [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] में हरिकिशन ने वहां के गवर्नर की हत्या की कोशिश की। दिसंबर 1930 में विनय बोस, बादल गुप्ता और दिनेश गुप्ता ने कलकत्ता की राइटर्स बिल्डिंग में प्रवेश किया और स्वाधीनता सेनानियों पर जुल्म ढ़हाने वाले पुलिस अधीक्षक को मौत के घाट उतार दिया।
 
मलिक के अनुसार आईआरए की इस जंग में दो लड़कियों प्रीतिलता वाडेदार और कल्पना दत्त ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सत्ता डगमगाते देख अंग्रेज बर्बरता पर उतर आए। महिलाओं और बच्चों तक को नहीं बख्शा गया। आईआरए के अधिकतर योद्धा गिरफ्तार कर लिए गए और [[तारकेश्वर दस्तीदार]] को फांसी पर लटका दिया गया।
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== मीडिया में ==
भारतीय फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने फिल्म [[खेलें हम जी जान से]] (2010) में सेन के जीवन को दर्शाया। अभिनेता [[अभिषेक बच्चन]] ने सेन की भूमिका निभाई। एक अन्य फिल्म [[चिटगाँव]] (2012), जो बेदब्रत पाइन द्वारा निर्देशित थी, सेन की हथियार छापे के बारे में था। इसमें मास्टरदा (सूर्य सेन) की भूमिका [[मनोज बाजपेयी|मनोज वाजपेयी]] ने तथा निर्मल सेन की भूमिका [[नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी]] ने निभायी थी।
 
[[कोलकाता मेट्रो रेल|कोलकाता मेट्रो]] ने बांशद्रोणी स्टेशन को मास्टर सूर्य सेन मेट्रो स्टेशन के रूप में नामित किया। कुछ सड़कें उनके नाम पर भी हैं, उदाहरणतया, [[कोलकाता]] के [[दक्षिणेश्वर काली मंदिरमन्दिर|दक्षिणेश्वर]] के पास सूर्य सेन रोड।
 
== सन्दर्भ ==