"पहलवान तारा सिंह": अवतरणों में अंतर

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तारा सिंह (जन्म 1 जून 1955) एक भारतीय पहलवान है। वह पहले ऐसे भारतीय है जिन्होंने क्लीन एंड जर्क इवेंट में 200 किलो से ज्यादा हैवी लिफ्ट करके भारत को 1982 एशियन गेम्स जो नई दिल्ली में हुआ था, उस में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। उन्हें 1982 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया। तारा सिंह का उपनाम आयरन मैन ऑफ इंडिया है। वह पंजाब यूनिवर्सिटी को रिप्रेजेंट करते हैं। 2015 में उन्होंने सन्यास ले लिया। आजकल वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स मैं कोचिंग दे रहे। हैं उन्होंने अपने करियर मैं 3 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल और दो ब्रॉन्ज मेडल जीता। सन 1981 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप ऑकलैंड न्यूजीलैंड और मिनी कॉमनवेल्थ गेम्स ब्रिस्बेन ऑस्ट्रेलिया दोनों में स्वर्ण पदक हासिल किया। सन 1981 मैं न्यूजीलैंड समर गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। सन 1981 एशियन चैंपियनशिप जो नागोया जापान में हुई थी उसमें रजत पदक हासिल किया। 1984 वर्ल्ड रेलवे गेम्स सोफिया बुलगारिया मैं ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया। सन 1984 पाकिस्तान नेशनल गेम्स इस्लामाबाद में रजत पदक हासिल किया। सन 1985 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप कार्डिफ वेल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया। सन 1982 से 4 साल बाद भारत का पहला कन्फर्म डोप टेस्ट पाया गया। भारत सियोल एशियन गेम्स मैं तारा सिंह से एक और मेडल की उम्मीद में थी पर उन्होंने पांचवा स्थान प्राप्त किया। उन्होंने टोटल 355 किलो लिफ्ट किया। कुछ समय बाद एक रैंडम डोप टेस्ट में उनकी यूरिन में स्टेरॉयड के सैंपल प्राप्त हुआ इसके बाद 2 साल का करियर बैन लगाया गया। उसके बाद धीरे-धीरे वह वेटलिफ्टिंग की दुनिया से चले गए।
 
 
==सन्दर्भ==
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