"सकल राष्ट्रीय आय": अवतरणों में अंतर

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किसी देश की उत्पादन व्यवस्था से अंतिम उपभोक्ता के हाथों में जाने वाली वस्तुओं या देश के पूँजीगत साधनों के विशुद्ध जोड़ को ही '''*राष्ट्रीय आय*''' कहते हैं। किसी [[देश]] के नागरिकों का सकल घरेलू एवं विदेशी आउटपुट '''सकल राष्ट्रीय आय''' कहलाता है।
 
'''राष्ट्रीय आय की परिभाषा -'''
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'''आय विधि''' – उत्पादन के कारकों के मिलने वाले प्रतिफल का योग
 
  '''समस्या''' – वहीवाही पर लागु हो सकता था , जहाँ उत्पादक कारक ज्ञान है .
 
         संगठित क्षेत्र – जहाँ उत्पादन का रजिस्ट्रेशन हो
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         असंगठित क्षेत्र – उत्पादन करने वाले जिसका रजिस्ट्रेशन हो ,उत्पादन के कारक , आय की घोषणा नहीं करते
 
                            जैसे – भारत में अधिकतर लोग ऐसे हैंहते ( जैसे समोसे वाला )   इस विधि से केवल सरकारी और प्राइवेट जॉब तक गणना सीमित रहा
 
'''व्यय विधि –'''
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[[श्रेणी:राष्ट्रीय लेखे]]
 
आधार वर्ष- राष्ट्रीय आय पर महंगाई का प्रभाव न दिखे इसलिए हमेशा आधार वर्ष लिया जाता है।
जैसे -(1). 2015-16 में [100 (पैन)× 10₹]= 1000₹
(2).2016-2017में [100 (पैन)×20₹]= 2000
 
दूसरी लाइन में एक पैन 20₹ का हो गया ।
अतः, यह असल में उत्पादन नहीं बढ़ा बल्कि मूल्य बढ़ जाने से टोटल २००० मूल्य आया, क्योंकि महंगाई बढ़ गई इस लिए आधार वर्ष लिया जाता है।
 
इसमें हम राष्ट्रीय आय तो बढ़ता नजर आ जाता है, मगर उत्पाद वहीं का वहीं पर रहता है।