"जगरनॉट": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो "जगरनॉट" सुरक्षित किया गया।: अत्यधिक बर्बरता एवं उत्पात ([संपादन=केवल स्वतः स्थापित सदस्यों को अनुमति दें] (समाप्ति 17:31, 16 अगस्त 2019 (UTC)) [स्थानांतरण=केवल स्वतः स्थापित सदस्यों को अनुमति दें] (समाप्ति 17:31, 16 अगस्त 2019 (UTC))) |
छो पहले के लेख में सिर्फ यह बात बताई गई थी कि जगरनौत सब्द का अर्थ क्या होता है किन्तु इस लेख में मैने उसके जो जानकारियां बाकी थी जैसे कि इसका इतिहास और यह शब्द कहा से आया है सब बाते बताई है। मेरे ध्यान में इस लेख में कोई क्षति नहीं है। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 5:
[[चित्र:Rath Yatra Puri 2007 11071 crop.jpg|thumb| २००७ का आधुनिक उत्सव]]
'''जगरनॉट''' ({{audio|En-us-juggernaut.ogg|अमेरिकी उच्चारण}}) अंगेजी भाषा में प्रयोग होने वाला एक शब्द हैं।
'''जगरनॉट''' ({{audio|En-us-juggernaut.ogg|अमेरिकी उच्चारण}}) [[अंग्रेजी भाषा]] में प्रयुक्त होने वाला एक शब्द है जिसका प्रयोग अजेय के रूप में सन्दर्भित शाब्दिक या रुपक शक्ति की व्याख्या के लिये होता है। यह प्रायः किसी बड़ी मशीन या किसी टीम या इकट्ठे कार्य करने वाले लोगों के समूह के लिये या किसी [[करिश्माई नेता]] द्वारा चलाये जा रहे उभर रहे [[राजनीतिक आन्दोलन]] के लिये प्रयुक्त होता है। इसका सम्बन्ध प्रायः कुचले जाने अथवा भौतिक हानि से जोड़ा जाता है।▼
जब भारत पर ब्रिटिश राज करते थे तब बंगाल के रास्ते बहुत ज्यादा मिस्नरीज भारत में मूर्ति पुजको का धर्म परिवर्तन करने बंगाल के रास्ते से आज के ओड़िशा राज्य में आए उनमें से एक क्लॉडियस बुकानन भी था जो कि बकियोकी तरही हिन्दुओं का विरोधी और उनसे द्वेष भावना रखने वाला था। इन सबने वहां पर भगवान जग्गनाथ मूर्ति पूजक भारतीयों की अटूट आस्था का प्रतीक लगे। ब्रिटिश लोग भारत के सबसे का ठीक तरीके से उच्चारण नहीं कर पाते थे इसलिए वह इसका उच्चारण जग्गानाथ की जगह जगरनॉट कहते थे। उन्होंने वहां पर धरती के स्वामी भगवान जग्गनाथ के जरिए हिंदू या सनातन धर्मियोको पूरी दुनिया में बदमान करने हेतु जग्गानाथ भगवान को खून पिचासू, हिंसक और लोगो का खून पीने वाला कहा जो कि किसी भी तरीके से सही या लॉजिकल भी नहीं था।
क्लॉडियस बुकानन ने अपनी विवादित पुस्तक में "भगवान जन्नाथ को और हिन्दुओं को खून पीचासू, हिंसक और बिछड़ा हुए कहा है।" उसने अपनी पुस्तक में यह भी कहा है कि "भगवान जग्गानाथ की निकालने वाली वार्षिक यात्रा में लोग उनके रथ के नीचे लेटके अपनी जान दे देते थे और इस तरह भगवान खुश होते थे।" यह सभी बाते का वास्तविकता से कोई संबंध नहीं था। यह तो हिन्दुओं को बदनाम करने की साज़िश थी। इस तरह हिन्दुओं के देवता भगवान जग्गानाथ जो कि प्रेम, दया और कर्म कि बात करने वाले भगवान कृष्णा के प्रतीक है उन्हें बदनाम करने की साज़िश की और उनके द्वारा भगवान जग्गनाथ को जगरनॉट की उपाधि दी गई जो की गलत है।
▲
जो कि भगवान जग्गानाथ के लिए बिल्कुल सही नहीं है और से हिन्दुओं को बदनाम करने की साज़िश है सायाद यहीं कारण है कि आज भारत का कोई भी सनातनी हिन्दू इस सब का प्रयोग नहीं करता।
== व्युत्पत्ति ==
|