"अली ख़ामेनेई": अवतरणों में अंतर

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कई बार की गिरफ़तारियों के बाद वरिष्ठ नेता जब स्वंतत्र होकर कुम गयें तो वहॉ आप ने एक गुप्त राजनीतिक संस्था का गठन किया किंतु कुछ ही दिनों बाद शाही शासन को इस संस्था की भनक लग गयी और इस के कई सदस्य गिरफ़तार कर लिए गये। गिरफ़तारी आंरभ होने के बाद वरिष्ठ नेता एक वर्ष तक तेहरान में श्री हाशमी रफ़सन्जानी के घर में छिपे रहे शाही गुप्तचर सेवा को आप की खोज थी क्योंकि आप की लिखी हुई एक किताब ने भी ईरान के युवा वर्ग को अत्याधिक प्रभावित किया था। एक वर्ष की अवधि बीत जाने के पश्चात जब यह मामला कुछ ठंडा पड़ा और गिरफ़तार किए गये कई लोगों को स्वतंत्र कर दिया गया तो वरिष्ठ नेता मशहद चले गये जहॉ प्रान्त के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर आप ने लोगों को शाही शासन के अत्याचारों और भ्रष्टाचारों से अवगत कराना आंरभ कर दिया। आप की सक्रियता का दायरा बढ़ा और तेहरान में भी आप ने भाषण दिए जिस के बाद शाही शासन के विरुद्ध सशस्त्र कार्यवाही करने वाले संगठन एम के ओ ने आप से संबध स्थापित किया। एम के ओ ने 1969 से ही सशस्त्र कार्यवाही आंरभ कर दी थी। शाह की गुप्तचर संस्था सावाक ने वरिष्ठ नेता पर कड़ी नज़र रखी हुई थी क्योंकि उन्हें विश्वास था कि सशस्त्र कार्यवाहियों से वरिष्ठ नेता का संबध है इस आधार पर वरिष्ठ नेता को एक बार फिर गिरफ़तार कर लिया गया किंतु55 दिनों की कड़ी यातनाओं के बाद प्रमाण न होने के कारण आप को स्वतंत्र कर दिया गया किंतु आप की सक्रियता पर प्रतिबंध लगा दिया गया। जिस के कारण वरिष्ठ नेता ने गुप्त रूप से सक्रियता आंरभ की और सन1971 से 1974 तक यह स्थिति जारी रही।
१९७२ से 1973 के दौरान आप ने अलवी आंदोलन का आरंभ किया जिसने पूरे ईरान को अपने प्रभाव में ले लिया इस के बाद सावाकी एजेन्टों ने एक बार फ़िर वरिष्ठ नेता को गिरफ़तार किया यह उन की छठी और सब से कठिन गिरफ़तारी थी।
इस्लामी क्रांति की सफ़लता और जिम्मेदारियॉंजिम्मेदारियाँ
इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम खुमैनी के ज्येष्ठ पुत्र आयतुल्लाह हाज मुस्तफ़ा ख़ुमैनी की शहादत के बाद पूरे ईरान में शाही शासन के विरुद्ध आम रोष व्याप्त हुआ जनता में बेचैनी बढ़ी और सैनिकों ने छावनियों से भागना आंरभ कर दिया। इस्लामी क्रांति की सफ़लता का यह पहला चरण था। क्रांति की सफ़लता के बाद वरिष्ठ नेता को क्रांति की उच्य परिषद में सदस्यता मिली और फ़िर रक्षा मंत्रालय में क्रांति परिषद के प्रतिनिधि का पद संभाला। जिस के बाद आप ने क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान की कमान संभाली रक्षा की उच्य परिषद के सदस्य हुए और तेहरान के इमाम जुमा बनाए गये। सन 1980 में चुनाव आंरभ होने के साथ ही वरिष्ठ नेता संसद सदस्य निर्वाचित हुए और इसी वर्ष इराक ने ईरान पर आक्रमण कर दिया और आठ वर्षीय थोपा गया युद्ध आंरभ हो गया। जिस के दौरान वरिष्ठ नेता ने विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाई सन 1981 में वरिष्ठ नेता पर एम के ओ ने घातक आक्रमण किया जिस में आप गंभीर रूप से घायल हुए इस विस्फोट में आप का दाहना हाथ निष्क्रिय हो गया।
इसी वर्ष आप ने राष्टृपति चुनाव में प्रत्याशी के रूप में भाग लिया और बहुमत से इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्टृपति निर्वाचित हुए। जिस के बाद राष्टृपति के दूसरे काल में भी वरिष्ठ नेता राष्टृपति निर्वाचित हुए और दूसरा चरण समाप्त भी न होने पाया था कि इस्लामी