"लिनक्स": अवतरणों में अंतर

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'''लिनक्स''' [[यूनिक्स]] जैसा एक [[प्रचालन तन्त्र]] है। यह [[मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर|ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर]] अथवा [[मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर]] का सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है। यह जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध है और इसका कुछ भाग यूनिक्स से प्रेरित है।मूलतः यह मिनिक्स का विकास कर बनाया गया है। यूनिक्स का विकास, 1960 के दशक में [[एटी एंड टी|ऐ.टी.&टी.]] की [[बेल प्रयोगशाला]] के द्वारा किया गया। उस समय ऐ.टी.&टी. कम्पनी एक नियन्त्रित इजारेदारी थी इसलिए वह [[कंप्यूटर|कमप्यूटरकम्प्यूटर]] का सौफ्टवेयर नही बेंच सकती थी। उसने इसे, सोर्स कोड के साथ, बिना शर्त, सरकार तथा विश्वविद्यालयों को दे दिया, वे चाहे तो उसमें फेरबदल कर सकते हैं। 1980 के दशक के आते आते यूनिक्स सबसे लोकप्रिय, शक्ति शालीशक्तिशाली, एवं स्थिर औपरेटिंग सिस्टम बन गया हालांकि उस समय तक उसके कई रूपान्तर आ चुके थे।
 
यूनिक्स में एक कमी थी - इसको समझना तथा चलाना मुश्किल है। [[एन्डी टेनेनबाम|एंड्रयू टेनेनबाम]], [[ऐम्स्टर्डैम|ऐमस्टरडैम]] में [[कमप्यूटरकम्प्यूटर विज्ञान|कंप्यूटर विज्ञान]] के [[प्रोफ़ेसर|प्रोफेसर]] हैं। उन्होंने इसकी सहायता के लिए [[मिनिक्स]] नाम का प्रोग्राम लिखा। इसमें भी कुछ कमियाँ थीं। [[लीनस तोरवाल्ड्स|लिनूस टोरवाल्ड]] [[फ़िनलैण्ड|फिनलैण्ड]] के [[हेलसिन्की विश्‍वविद्यालय]] में कमप्यूटर विज्ञान के छात्र थे। उन्होंने मिनिक्स की कमी को दूर करने के लिए एक प्रोग्राम लिखा जो कि बाद में ‘लिनूस का यूनिक्स’ या छोटे में लिनक्स कहलाया। इसका सबसे पहला कोर या [[करनल]] उन्होने 1991 में इन्टरनेट में पोस्ट किया। तब तक [[रिचर्ड स्टॉलमैन|रिचर्ड स्टालमेन]] का 'ग्नू' प्रोजेक्ट शुरू हो चुका था। लिनूस टोरवाल्ड ने इससे बहुत सारे प्रोग्राम अपने लिनक्स में लिए। इसलिए रिचर्ड स्टालमेन का कहना है। कि इसे 'ग्न्यू-लिनक्स' (GNU-Linux) कहना चाहिये। पर यह नाम, शायद लम्बा रहने के कारण चल नहीं पाया। पर इसका अर्थ यह नहीं हैं कि लिनक्स की सफलता में ग्न्यू प्रोजेक्ट का हाथ नहीं है। ग्न्यू प्रोजेक्ट के बिना लिनक्स सम्भव नहीं था।
 
== इतिहास ==