"अबुल कलाम आज़ाद": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
NAWABHASAN (वार्ता | योगदान) टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
NAWABHASAN (वार्ता | योगदान) No edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 19:
== जीवन ==
मौलाना आज़ाद [[मोमीन अंसारी|अल अंसार]] [[उलमा|उलेमाओं]] के ख़ानदान से ताल्लुक रखते थे जो [[बाबर]] के समय [[हेरात]] से भारत आए थे। उनकी माँ [[अरबी]] मूल की थीं और उनके पिता मोहम्मद खैरुद्दीन एक [[फ़ारसी भाषा|फारसी]] (ईरानी, नृजातीय रूप से) थे। मोहम्मद खैरुद्दीन और उनके परिवार ने भारतीय स्वतंत्रता के पहले आन्दोलन के समय 1857 में कलकत्ता छोड़ कर मक्का चले गए। वहाँ पर मोहम्मद खॅरूद्दीन की मुलाकात अपनी होने वाली पत्नी से हुई। मोहम्मद खैरूद्दीन 1890 में भारत लौट गए। मौहम्मद खैरूद्दीन को कलकत्ता में एक मुस्लिम विद्वान के रूप में ख्याति मिली। जब आज़ाद मात्र 11 साल के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया। उनकी आरंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीकों से हुई। घर पर या मस्ज़िद में उन्हें उनके पिता तथा बाद में अन्य विद्वानों ने पढ़ाया। इस्लामी शिक्षा के अलावा उन्हें [[दर्शनशास्त्र]], [[इतिहास]] तथा [[गणित]] की शिक्षा भी अन्य गुरुओं से मिली। आज़ाद ने [[उर्दू भाषा|उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[हिन्दी]], [[अरबी]] तथा [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी़]] भाषाओं में महारथ हासिल की। सोलह साल उन्हें वो सभी शिक्षा मिल गई थीं जो आमतौर पर 25 साल में मिला करती थी।
तेरह साल की आयु में उनका विवाह ज़ुलैखा बेग़म से हो गया। वे [[सलफ़ी सुन्नी|सलाफी]] (देवबन्दी) विचारधारा के करीब थे और उन्होंने क़ुरान के अन्य भावरूपों पर लेख भी लिखे। आज़ाद ने अंग्रेज़ी समर्पित स्वाध्याय से सीखी और पाश्चात्य दर्शन को बहुत पढ़ा।{{citation needed}} उन्हें मुस्लिम पारम्परिक शिक्षा को रास नहीं आई और वे आधुनिक शिक्षावादी [[सैयद अहमद ख़ान|सर सैय्यद अहमद खाँ]] के विचारों से सहमत थे।
|