"गुरु नानक": अवतरणों में अंतर

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== हिंदी साहित्य से संबंध ==
हिंदी साहित्य में गुरुनानक भक्तिकाल के अतंर्गत आते हैं। वे भक्तिकाल में निर्गुण धारा की ज्ञानाश्रयी शाखा से संबंध रखते हैं। उनकेउनकी कृति के संबंध में आचार्य रामचंद्र शुक्ल 'हिंदी साहित्य का इतिहास' में लिखते हैं कि- "भक्तिभाव से पूर्ण होकर वे जो भजन गाया करते थे उनका संग्रह (संवत् १६६१) ग्रंथ साहब में किया गया है।"<ref>{{cite book |last1=आचार्य रामचन्द्र |first1=शुक्ल |title=हिंदी साहित्य का इतिहास |date=2013 |publisher=लोकभारती प्रकाशन |location=इलाहाबाद |isbn=978-81-8031-201-4 |page=55 |edition=पुनर्मुद्रण}}</ref>
 
== मृत्यु ==