"जनक": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 2:
{{पात्र ज्ञानसन्दूक}}
 
'''जनक''' नाम से अनेक व्यक्ति हुए हैं। पुराणों के अनुसार इक्ष्वाकुपुत्र [[निमि]] ने विदेह के सूर्यवंशी राज्य की स्थापना की, जिसकी राजधानी [[मिथिला]] हुई। [[मिथिला]] में '''जनक''' नाम का एक अत्यंत प्राचीन तथा प्रसिद्ध राजवंश था जिसके मूल पुरुष कोई '''जनक''' थे। मूल जनक के बाद मिथिला के उस राजवंश का ही नाम 'जनक' हो गया जो उनकी प्रसिद्धि और शक्ति का द्योतक है। जनक के पुत्र उदावयु, पौत्र नंदिवर्धन् और कई पीढ़ी पश्चात् ह्रस्वरोमा हुए। ह्रस्वरोमा के दो पुत्र सीरध्वज तथा कुशध्वज हुए।[[File:Ashtavkra and Janaka.jpg|thumb|अष्टावक्र और महाराज जनक]]
<ref>{{cite book |last1=Buck |first1=William |title=Ramayana |date=2000 |publisher=Motilal Banarsidass Publ. |isbn=9788120817203 |url=https://books.google.co.in/books?id=vvuIp2kqIkMC&pg=PA70&dq=ramayana+dasratha&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjYjbHn0LncAhXGi7wKHbmCCMQQ6AEIPjAE#v=onepage&q=ramayana%20dasratha&f=false |accessdate=25 जुलाई 2018 |language=en}}</ref>
 
जनक नामक एक अथवा अनेक राजाओं के उल्लेख ब्राह्मण ग्रंथों, [[उपनिषद्|उपनिषदों]], [[रामायण]], [[महाभारत]] और [[पुराण|पुराणों]] में हुए हैं। इतना निश्चित प्रतीत होता है कि जनक नाम के कम से कम दो प्रसिद्ध राजा अवश्य हुए; एक तो [[वैदिक साहित्य]] के दार्शनिक और तत्वज्ञानी [[जनक विदेह]] और दूसरे [[राम]] के ससुर जनक, जिन्हें [[वायु पुराण|वायुपुराण]] और [[पद्म पुराण|पद्मपुराण]] में सीरध्वज कहा गया है। असंभव नहीं, और भी जनक हुए हों और यही कारण है, कुछ विद्वान् [[वशिष्ठ]] और [[विश्वामित्र]] की भाँति 'जनक' को भी कुलनाम मानते हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/जनक" से प्राप्त