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'''पोईल सेनगुप्ता''' (जन्म नाम:'''अंबिका गोपालकृष्णन''') (जन्म 1948) [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] में भारतीय लेखकोंलेखिकाओं में से एक हैं। वह विशेष रूप से बच्चों के लिए एक नाटककार और लेखकलेखिका के रूप में जानी जाती हैं। उसका औपचारिक पहलाप्रथम नाम अंबिका है लेकिन वह पोईल नाम के रूप मेंसे जानी जाती है।हैं।
 
==जीवनी==
पोईल सेनगुप्ता एक महाविद्यालय व्याख्याता, वरिष्ठ स्कूल शिक्षक, शैक्षिक सलाहकार, संचार और भाषा कौशल सलाहकार, बाजार अनुसंधान फर्म के लिए एक सलाहकार संपादक और मोंटेसरी स्कूल के बच्चों के लिए एक शिक्षक रहेरही हैं।
 
सेनगुप्ता ने बच्चों के लिए कई पुस्तकें प्रकाशित की, जैसे की:
पोईल सेनगुप्ता एक महाविद्यालय व्याख्याता, वरिष्ठ स्कूल शिक्षक, शैक्षिक सलाहकार, संचार और भाषा कौशल सलाहकार, बाजार अनुसंधान फर्म के लिए एक सलाहकार संपादक और मोंटेसरी स्कूल के बच्चों के लिए एक शिक्षक रहे हैं।
 
सेनगुप्ता ने बच्चों के लिए कई पुस्तकें प्रकाशित की जैसे की:
*द एक्स्कुसाइट बैलेंस (1985)'<ref>{{cite web|url=https://www.amazon.com/exec/obidos/ASIN/817011358X/|title=Amazon's listing|publisher=|accessdate=11 October 2014}}</ref>
*द वे टू माइ फ्रेंड हाउस (1988)
*मेरे दोस्त के घर का रास्ता (1988)
*द स्टोरी ऑफ़ द रोड (1993)
*सड़क की कहानी (1993)
*हाउ द पाथ ग्रेवग्रो (1997)
*द क्लैवर कारपेंटर एन्ड अदर स्टोरीज़
*चालाक बढ़ई और अन्य कहानियाँ
*द नॉटी डॉग एन्ड अदर स्टोरीज़
*शरारती कुत्ता और अन्य कहानियाँ
*द ब्लैक स्नेक एन्ड अदर स्टोरीज़
*काला सांप और अन्य कहानियाँ
*पानीवॉटरफ्लावर्स के फूल (स्कोलास्टिक, 2000)
*विक्रमादित्य काथ्रोन सिंहासन (2007) (पफिन)
*द पफिन ट्रेजरी ऑफ़ मॉडर्न भारतीयइंडियन स्टोरीज़ कहानियाँ
*द पफिन बुक ऑफ मज़ेदारफनी स्टोरीज़ कहानियाँ
*फेवरिट स्टोरीज़ फॉर बॉयज़
*लड़कियों के लिए पसंदीदा कहानियाँ
*फेवरिट स्टोरीज़ फॉर गर्ल्ज़
*लड़को के लिए पसंदीदा कहानियाँ
*क्लियर ब्लू स्काई और बैड मून राइजिंग
*मोर मिस्ट्री स्टोरीज़ (1989)
*अधिक रहस्य कहानियां (1989)
*24 लघुशॉर्ट कथाएँस्टोरीज़ (1991)
*बेस्ट फ्रेंड (1996)
 
सेनगुप्ता ने बच्चों के लिए कई स्तंभ भी लिखे हैं: सबसे लंबे समय तक चलने वाला कॉलम, "ए लेटर टू यू", रहा है। यह 10 साल के लड़के पर्की और उसके दोस्त रघु के बारे में एक हास्य स्तंभ, है। पहले ये साप्ताहिक, बाद में मासिक, पत्रिका चिल्ड्रन वर्ल्ड में तीस वर्षों से अधिक समय तक चला। उनका एक और स्तंभ 'रोल कॉल' जो स्कूली जीवन के बारे में, 'रोल कॉल'है, [[डेक्कन हेराल्ड]] में साप्ताहिक रूप से प्रकाशित हुआ;हुआ। और एकइसको चयनआगे दो संस्करणों में प्रकाशित किया गया था, 'रोल कॉल' (2003) और 'रोल कॉल अगेन' (रूपा, 2003)। एक तीसरा, अल्पकालिक, बच्चों के लिए कॉलमचला मिडडेकॉलम, मुंबई में 'राइट हियर' था। ये [[मिड डे]] में प्रकाशित हुआ था और अल्पकालिक ही रहा।<ref>{{cite web|url=http://www.penguinbooksindia.com/en/content/poile-sengupta|title=Poile Sengupta - Penguin Books India|publisher=|accessdate=11 October 2014}}</ref> <ref>{{cite web|url=http://www.goodreads.com/author/show/695907.Poile_Sengupta|title=Poile Sengupta|work=Goodreads|accessdate=11 October 2014}}</ref> .<ref>{{cite web|url=http://www.unicat.be/uniCat?func=search&query=author:%22Madanagobalane,%20Kichenassamy%22&formQuery=author:%22Madanagobalane,%20Kichenassamy%22|title=UniCat-Search|publisher=|accessdate=11 October 2014}}</ref>
 
सेनगुप्ता ने एक नकाट भी लिखा, मंगलम (1993) भी लिखा जिसने द हिंदू-मद्रास प्लेयर्स प्लेस्क्रिप्सन प्रतियोगिता में सबसे अधिक सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषय का पुरस्कार जीता। उन्होनेउन्होंने बाद मे कई ओर नाटक लिखे:
*भीतरीइनर कानूनलॉज़ (1994)
*अ प्रीटी बिजनेस (1995)
*एक सुंदर व्यवसाय (1995)
*कीट्स वाज़ ए ट्यूबर (1996)
*कोल्लाज (1998)
*अलीफा (2001)
*सो सेड शकुनी (2001)
*यवमजक्का (बच्चों के लिए एक संगीत) (2000)
 
2008 में, ''समारा के गानेसांग'' को हिंदू मेट्रो प्लस प्लेराइट पुरस्कार के लिए चुना गया था। उनके छह नाटकों को महिला''वीमेन केंद्रसेंटर मंचस्टेज: द ड्रामैटिस्ट एन्ड द प्ले'' के रूप में प्रकाशित किया गया। उन्हें 1999-2001 में अंग्रेजी में बच्चों के लिए नाटक लिखने के लिए भारत सरकार की एक वरिष्ठ फेलोशिप मिली। बच्चों के लिए इन नाटकों का एक संग्रह, गुड हैवेंस! पफिन, [[भारत]] (2006) पफिन द्वारा प्रकाशित किया गया है। 1991 में, उनकी कविता, ''ए वुमन स्पीक्स'', राइटर्स वर्कशॉप, कलकत्ता द्वारा प्रकाशित हुई थी। वह थिएटर क्लब की संस्थापक हैं, जो बैंगलोर स्थित एक शौकिया थिएटर समूह है। वह [[नई दिल्ली]] के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा की शासन परिषद की सदस्य रही हैं। अक्टूबर 2014 में, उनका उपन्यास "इंगा" प्रकाशित हुई।हुआ।
 
==सन्दर्भ==