"ब्राह्मण": अवतरणों में अंतर

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ब्राह्मण एक हिंदी शब्द है जिसका तात्पर्य है ब्रह्मा का आवरण होना अर्थात हिंदू धर्म के अनुसार इस संपूर्ण सृष्टि का निर्माण भगवान ब्रह्मा के द्वारा किया गया है उनके द्वारा ही संपूर्ण प्रकृति संपूर्ण तत्व सभी जीव निर्जीव का जन्म या प्राकृतिक किया गया है। भगवान ब्रह्मा को संपूर्ण सृष्टि का प्रचेता माना जाता है इस प्रकृति को कैसे जन्म लेना है कैसे नष्ट होना है उसका पालन कैसे होना है और उसका संचालन कैसे होना है इस सब का निर्धारण ब्रह्मा के द्वारा किया गया है इसी तत्व के ज्ञान को ज्ञानी जैन के द्वारा बुद्धि मानव के द्वारा संसार में प्रकट किया गया जो भी मनुष्य इस तत्व को समझता है और सृष्टि संचालन में मानव जाति हेतु मानव को ज्ञान प्रदान करता है उसे जीने का तरीका बताता है और प्रकृति के गुप्त रहस्य को प्रकट करता है वही ब्राह्मण कहलाता है
 
ब्राह्मण कोई जातिसूचक शब्द नहीं है इसका किसी जाति से कोई लेना-देना नहीं है ब्राह्मण कोई भी हो सकता है किसी भी जाति का हो सकता है चाहे वह उच्च जाति का हो या निम्न जाति का ब्राह्मण होने में जाति बंधन नहीं है ब्राह्मण होने के लिए ज्ञान का होना आवश्यक है ब्राह्मण आदमी अपने ज्ञान के द्वारा ही सामान्य जन को यह सिखाता है कि उसे जीवन में कब क्या और कैसे करना है अर्थात जो भी मनुष्य आपको जीवन जीने का तरीका जीवन का रहस्य बताता है यह सिखाता है वही ब्राह्मण है।
 
ब्राह्मण मनुष्य कर्म प्रधान और भाग्य प्रधान दोनों होता है वह अत्यंत ही ज्ञानी होता है इस संसार में प्रगट यह प्रगट रहस्य को वह मानव जाति के कल्याण के लिए उपयोग में लाता है।
 
जो ब्रह्म के स्वरूप का आवरण है वही ब्राह्मण है अर्थात जो यह जानता है कि इस सृष्टि का संचालन ईश्वर ने क्यों और कैसे किया और उसका उद्देश्य क्या है जो भी मनुष्य दूसरे मनुष्यों के लिए यह प्रकट करता है वही ब्राह्मण कहलाता है। भारतीय समाज में ब्राह्मणों की परंपरा अति पूजनीय है ब्राह्मण सभी जगह पूजनीय माने जाते हैं पूजने का तात्पर्य सिर्फ पूजा पद्धति से नहीं इसका मतलब यह लेना चाहिए कि ब्राह्मण को सर्वोच्च परी माना गया है अर्थात उसके द्वारा जो भी रहस्य प्रगट किए जाते हैं वह उचित है।
 
'''ब्राह्मण''' हिन्दू वर्ण व्‍यवस्‍था का एक वर्ण है। यस्क मुनि की निरुक्त के अनुसार, ''ब्रह्म जानाति ब्राह्मण:'' अर्थात् ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है "ईश्वर का ज्ञाता"।