"नवदुर्गा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Ashok 98262 (वार्ता | योगदान) No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Ashok 98262 (वार्ता | योगदान) No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 24:
हिंदू धर्म में वैदिक ग्रंथों के अनुसार और पुराणों में वर्णित यह सार है कि इस सृष्टि का जो मूल आधार है वह मां दुर्गा ही है मां दुर्गा के द्वारा ही ब्रह्मा विष्णु और महेश का निर्माण किया गया है और इस प्रकृति का कार्य आगे बढ़ाया गया है ब्रह्मा विष्णु महेश इन तीनों देवताओं के पूज्य और शक्ति मां दुर्गा ही है।
मां दुर्गा समय-समय पर अलग-अलग रूप रखकर इस सृष्टि का
शास्त्रों में यह भी वर्णित है कि संपूर्ण शक्ति या यूं कहें कि ब्रह्मांड की मुख्य शक्ति मां दुर्गा ही है मां दुर्गा ही प्रकृति का स्वरूप है क्योंकि प्रकृति भी सभी चीजों को जन्म देती है और जन्म देने की शक्ति केबल मां दुर्गा में ही है अर्थात स्त्री में ही समस्त शक्ति समाई होती है उस शक्ति से ही समस्त ऊर्जा और स्वरूपों का निर्माण होता है यह ब्रह्मांड सृष्टि पृथ्वी आकाश जल थल वायु अग्नि पांच मूल तत्व इनके बगैर किसी भी जीव निर्जीव का जन्म नहीं होता इन सभी शक्तियों का मूल तत्व मां दुर्गा है।
|