"रावण": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Ravana statue, Koneswaram temple.JPG|right|thumb|200px|[[त्रिंकोमली]] के कोणेश्वरम मन्दिर में रावण की प्रतिमा]]
'''रावण''' [[रामायण]] का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। रावण [[लंका]] का राजा था<ref name="Miśrā 1963 p. ">{{cite book | last=Miśrā | first=V. | title=Vālmīki Rāmāyaṇa | publisher=Viśvavidyālaya Hindī Prakāśana, Lakhanaū Viśvavidyālaya | series=Seṭha Bholārāma Sekasariyā-smāraka granthamālā | year=1963 | url=http://books.google.co.in/books?id=j-tjAAAAMAAJ | language=lv | accessdate=9 जनवरी 2018 | page=}}</ref>। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम '''दशानन''' (दश = दस + आनन = मुख) भी था। किसी भी कृति के लिये नायक के साथ ही सशक्त खलनायक का होना अति आवश्यक है।
हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथ वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस के अनुसार रावण एक अत्यंत ही बलशाली राजा था। रावण आज के वर्तमान देश श्रीलंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था (साधारण से दस गुणा अधिक मस्तिष्क शक्ति), जिसके कारण उसका नाम दशानन {दश (दस) + आनन (मुख)} भी था। किसी भी कृति के लिये अच्छे पात्रों के साथ ही साथ बुरे पात्रों का होना अति आवश्यक है। किन्तु रावण में अवगुण की अपेक्षा गुण अधिक थे। जीतने वाला हमेशा अपने को उत्तम लिखता है, अतः रावण को बुरा कहा गया है। रावण को चारों वेदों का ज्ञाता कहा गया है। रावण भगवान शंकर का परम भक्त था उसने अपनी तपस्या से भगवान शंकर को प्रसन्न कर अनेक प्रकार की शक्तियों को हासिल किया था।

रामगढ़ परम ज्ञानी परम तपस्वी राजा था उसके द्वारा लिखित ज्योतिष एवं अन्य ग्रंथ आज भी उपलब्ध है।
रामकथा में रावण ऐसा पात्र है, जो [[राम]] के उज्ज्वल चरित्र को उभारने का काम करता है। किंचित मान्यतानुसार रावण में अनेक गुण भी थे। सारस्वत ब्राह्मण [[पुलस्त्य]] ऋषि <ref name="Joshī 2011 p. 72">{{cite book | last=Joshī | first=D. | title=Ramayan Ke Patra | publisher=Grantha Akādamī | year=2011 | isbn=978-93-81063-06-4 | url=http://books.google.co.in/books?id=YUx0BQAAQBAJ&pg=PT72 | language=id | accessdate=9 जनवरी 2018 | page=72}}</ref> का पौत्र और [[विश्रवा]] का पुत्र रावण एक परम [[वाल्मीकि ]]<nowiki/>भक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ , महाप्रतापी, महापराक्रमी योद्धा, अत्यन्त बलशाली , शास्त्रों का प्रखर ज्ञाता, प्रकान्ड विद्वान, पंडित एवं महाज्ञानी था। रावण के शासन काल में [[लंका]] का वैभव अपने चरम पर था और उसने अपना महल पूरी तरह स्वर्ण रजित बनाया था, इसलिये उसकी लंकानगरी को सोने की लंका अथवा सोने की नगरी भी कहा जाता है। रावण का विवाह मंदोदरी से हुआ । मंदोदरी का जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले में हुआ था । वहां पर आज भी रावण की चावरी है, जिस जगह पर रावण का विवाह हुआ था ।
 
== रावण का उदय ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रावण" से प्राप्त