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'''खजुराहो मंदिर स्मारक समूह है''' जो कि एक [[हिन्दू मन्दिर|हिन्दू]] और [[जैन मन्दिर|जैन]] धर्म के स्मारकों का एक समूह है जिसके स्मारक [[भारतीय]] राज्य [[मध्य प्रदेश]] के [[छतरपुर]] क्षेत्र में देखने को मिलते है। ये [[स्मारक]] दक्षिण-पूर्व [[झांसी]] से लगभग १७५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्मारक समूह [[यूनेस्को]] [[विश्व धरोहर]] में [[भारत]] का एक धरोहर क्षेत्र गिना जाता है।<ref>{{cite web|title=World Heritage Day: Five must-visit sites in India|url=http://www.hindustantimes.com/travel/world-heritage-day-five-must-visit-sites-in-india/article1-1338551.aspx}}</ref><ref name=unesco/> यहाँ के मन्दिर जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ [[कामुक कला]] की है अर्थात् अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है।<ref>Philip Wilkinson (2008), India: People, Place, Culture and History, ISBN 978-1405329040, pp 352-353</ref>
खजुराहो विश्व के मानचित्र पर भारत देश में स्थित अपनी स्थापत्य कला और मंदिरों के समूह के लिए जाना जाता है खजुराहो विश्व प्रसिद्ध स्थान है यह विदेशी सैलानियों का प्रमुख केंद्र है यहां की मंदिरों के स्थापत्य कला विश्व भर में मशहूर है यहां के मंदिरों की कलाकारी को देखकर पर्यटक यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की कैसे हजारों वर्ष पहले इन मंदिरों का निर्माण हुआ होगा है।
 
खजुराहो में स्मारकों का समूह, दुनिया के सबसे खूबसूरत सबसे प्रसिद्द और ऐतिहासिक विरासत है। ये मुख्य तौर पर अपनी वास्तु विशेषज्ञता, बारीक नक्काशियों और कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है। खजराहो को यूनेस्को द्वारा वैश्विक धरोहर की सूचि में भी शामिल किया गया है।
 
बता दें कि खजुराहो में पहले 85 मंदिर थे लेकिन अब 22 ही बचे हैं। इन मंदिरों का निर्माण 950 ई.से 1050 ई.के बीच किया गया था। मंदिरों में बनी कामुक मूर्तियों को केवल बाहरी दीवारों पर ही बनाया गया है। अपनी कामुक, सम्भोगरत और नग्न मूर्तियों के कारण ये विश्व प्रसिद्ध है। हर साल यहां पर लाखों सैलानी घूमने के लिए आते हैं। मंदिरों में बनाई गई कामुक मूर्तियों का निर्माण इतनी बारीकी से किया गया है जिनको देखने के बाद भी किसी के मन में बुरे ख्यालात नहीं आते हैं। मूर्तियों में इतनी खूबसूरती है कि ये लोगों को ध्यान खींच लेती हैं। यहां पर घूमने आने वाले सैलानियों के मन में कई बार ये ख्याल आता है कि इन मूर्तियों को क्यों बनाया गया है।
 
<ref>{{cite web|title=World Heritage Day: Five must-visit sites in India|url=http://www.hindustantimes.com/travel/world-heritage-day-five-must-visit-sites-in-india/article1-1338551.aspx}}</ref><ref name=unesco/> यहाँ के मन्दिर जो कि नगारा वास्तुकला से स्थापित किये गए जिसमें ज्यादातर मूर्तियाँ [[कामुक कला]] की है अर्थात् अधिकतर मूर्तियाँ नग्न अवस्था में स्थापित है।<ref>Philip Wilkinson (2008), India: People, Place, Culture and History, ISBN 978-1405329040, pp 352-353</ref>
 
'''खहुराहो''' के ज्यादातर मन्दिर [[चन्देल]] राजवंश के समय ९५० और १०५० ईस्वी के मध्य बनाए गए थे।<ref name=Madan>{{cite book|title=India through the ages|last=Gopal|first=Madan|year= 1990| page= 179|editor=K.S. Gautam|publisher=Publication Division, Ministry of Information and Broadcasting, Government of India}}</ref> एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार '''खजुराहो''' में कुल ८५ [[मन्दिर]] है जो कि १२वीं शताब्दी में स्थापित किये गए जो २० वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैले हुए है। वर्तमान में इनमें से, केवल २५ मन्दिर ही बच हैं जो ६वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं।<ref name=unesco>[http://whc.unesco.org/en/list/240 Khajuraho Group of Monuments] UNESCO World Heritage Site</ref> विभिन्न जीवित मन्दिरों में से, [[कन्दारिया महादेव]] मंदिर जो प्राचीन [[भारतीय कला]] के जटिल विवरण, प्रतीकवाद और अभिव्यक्ति के साथ प्रचुरता से सजाया गया है।<ref name=ddesai>Devangana Desai (2005), ''Khajuraho'', Oxford University Press, Sixth Print, ISBN 978-0-19-565643-5</ref>