[[चित्र:Shakuntala RRV.jpg|right|thumb|200px|शकुन्तला दुष्यनत की याद में]] राजा भरत दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र थे शकुंतला के पिता का नाम वशिष्ठविश्वामित्र था, दुष्यंत गंधर्व राजकुमार से उन्होंने शकुंतला से विवाह किया था लेकिन बाद में वे उन्हें भूल गए थे लेकिन बाद में उन्हें शकुंतला को एक मुद्रिका दी थी एक समय वह मुद्रिका का शकुंतला से खो गई थी जिसे एक मछली निगल लिया था एक मछुआरे ने उस मछली को पकड़कर जब काटा तो उसे मुद्रिका प्राप्त हुई वह उसे बेचने गया लेकिन उसे इसका मूल्य कोई नहीं देख सका फिर वह राजदरबार में गया जब राजा दुष्यंत ने उस मुद्रिका को देखा तो उन्हें शकुंतला की याद वापस आ गई और सत्कार पूर्वक भी शकुंतला और अपने पुत्र भरत को लेकर आ गए आगे चलकर वही भरत चक्रवर्ती के नाम से हस्तिनापुर का राजा बना आज हमारे देश का नाम भारत उसी के नाम की ऊपर रखा गया है सिंघो के साथ के साथ बचपन में खेला करता था पर्वत महावीर शक्तिशाली और पराक्रमी राजा था