"भारतीय पैंगोलिन": अवतरणों में अंतर

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| range_map_caption = भारतीय पैंगोलिन का विस्तार
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'''भारतीय पैंगोलिन''' (Indian pangolin), जिसका वैज्ञानिक नाम '''मैनिस क्रैसिकाउडाटा''' (Manis crassicaudata) है, [[पैंगोलिन]] की एक [[जाति (जीवविज्ञान)|जीववैज्ञानिक जाति]] है जो [[भारत]], [[श्रीलंका]], [[नेपाल]] और [[भूटान]] में कई मैदानी व हलके पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।<ref name=msw3>{{MSW3 Pholidota | id = 13900013 | page = 530}}</ref> यह पैंगोलिन की आठ जातियों में से एक है और [[विलुप्तप्राय प्रजातियां|संकटग्रस्त]] माना जाता है। हर पैंगोलिन जाति की तरह यह भी समूह की बजाय अकेला रहना पसंद करता है और नर व मादा केवल प्रजनन के लिए ही मिलते हैं। इसका अत्याधिक शिकार होता है जिसमें रोग-निवारण के लिए इसके अंगों को खाने की झूठी और अन्धविश्वासी प्रथाएँ भी भूमिका देती हैं। इस कारणवश यह [[विलुप्ति]] की कागार पर आ गया है।यह हिमाचल प्रदेश के जँगलौ में भी होता है। जिसे स्थानीय भाषा में सलगर कहते हैं। स्थानीय लोग इस जानवर के मांस को दुलृभ और गुण कारी मानते है।जिसके चलते इसका शिकार किया जा रहा है। अभी हाल में ही बनूडी नाम के गाँव मे यह देखा गया था। <ref name=iucn/>अभी यह 24मार्च2020 को भारत देश के प्रयागराज जिले के शंकरगर कस्बा के लोहगरा में देखा है। जो की अकेला ही था। लोगों ने काफी उत्सुकता से इकट्ठा होकर देखे और पुलिस के जानकारी में दे दिये। रिपोर्ट -:अनुज कुमार
 
== इन्हें भी देखें ==