"संकट मोचन हनुमान मंदिर": अवतरणों में अंतर

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'''संकट मोचन हनुमान मंदिर''' हिन्दू भगवान हनुमान के पवित्र मंदिरों में से एक हैं। यह [[वाराणसी]], [[उत्तर प्रदेश]], [[भारत]] में स्थित है। यह [[काशी हिन्दू विश्‍वविद्यालय|बनारस हिंदू विश्वविद्यालय]] कॆ नजदीक दुर्गा मंदिर और नयॆ विश्वनाथ मंदिर के रास्ते में स्थित हैं। संकट मोचन का अर्थ है परेशानियों अथवा दुखों को हरने वाला। इस मंदिर की रचना बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के स्थापक श्री [[मदनमोहन मालवीय|मदन मोहन मालवीय]] जी द्वारा १९०० ई० में हुई थी। यहाँ हनुमान जयंती बड़े धूमधाम से मनायी जाती है, इस दौरान एक विशेष शोभा यात्रा निकाली जाती है जो दुर्गाकुंड से सटे ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर से लेकर संकट मोचन तक चलायी जाती है। भगवान हनुमान को प्रसाद के रूप में शुद्ध घी के बेसन के लड्डू चढ़ाये जाते हैं। भगवान हनुमान के गले में गेंदे ऐवं तुलसी की माला सुशोभित रहती हैं। इस मंदिर की एक अद्भुत विशेषता यह हैं कि भगवान हनुमान की मूर्ति की स्थापना इस प्रकार हुई हैं कि वह भगवान राम की ओर ही देख रहे हैं,ऐवं श्री राम चन्द्र जी के ठीक सीध में संकट मोचन महराज का विग्रह है , जिनकी वे [[निःस्वार्थ]] श्रद्धा से पूजा किया करते थे। भगवान हनुमान की मूर्ति की विशेषता यह भी है कि मूर्ति मिट्टी की बनी है।संकट मोचन महराज कि मूर्ति के हृदय के ठीक सीध में श्री राम लला की मूर्ति विद्यमान है, ऐसा प्रतीत होता है संकट मोचन महराज के हृदय में श्री राम सीता जी विराज मान है। मंदिर के प्रांगण में एक अति प्राचीन कूआँ जो संत तुलसीदास जी के समय का कहा जाता है, श्रद्धालु इस कूप का शीतल जल ग्रहण करते हैं ।
 
== इतिहास ==