"राजस्थान दिवस": अवतरणों में अंतर

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== सन्दर्भ ==
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[[श्रेणी:राजस्थान]]इसे राजस्थान का सथापना दिवस भी कहा जाता है
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की संतान!
जौहर और शाकों की धरती, जय जय जय राजस्थान!!
भूल गया राणा प्रताप को, दुजा वीर चौहान!!
गौर और बादल को भुला,याद नहीं पन्ना का बलिदान !!
क्षात्र लहू से सिंचित धरा, का कण कण बड़ा महान!
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की संतान।।
वीर पद्मिनी, हाड़ी राणी, मीरा का गुणगान!
राणा जी की शान भूल गए, राणा जी की संतान !!
जयमाल पता भूल गए हम दुर्गा का बलिदान !
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की संतान !!
सतियां और झुंझार खो रहे अपनी ही पहचान।
पाबू तेजा और गोगाजी जिनका दुनिया करे बखान !!
भूल रामसा भटक रहे, हम निर्लज उनकी ही संतान !
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की संतान !!
हठी हमीर के हठ को भूले, सांगा का स्वाभिमान!
चेतक की स्वामिभक्ति को, भूले हल्दी का मैदान!!
कुम्भा की करनी को भूले, भूले पुज्वन सा बलवान!
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की संतान !!
दुल्ला भाट्टी याद किसी को, भूले बीका रावल मान !
जोधा भूल अमर सिंह भूले,भूले गोगाजी चौहान!!
भोज सरीके पुर्वज भूले,भूले दुर्गादास महान !
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की संतान !!
दुर्गाजी की भीष्म प्रतिज्ञा, भूल गयी उनकी ही संतान !
रामा पीर के पर्चे भूले,भूल गए हम गीता का वो ज्ञान!!
राजपूती इतिहास गया तो, क्या रहेगा हिंदुस्तान !
भूल गयी इतिहास कौम का सिंहों की संतान !!
किस और चला तो पथभ्रमित हो, सम्भल जरा नादान !
क्षात्र धर्म के पंच कर्मो से ही, बढे कौम का मान !!
भूल गयी इतिहास कौम का ,सिंहों की संतान!
गौरव और वीरों की धरती, जय जय जय
हिन्दुस्तान !!
 
[https://www.onlinestudy92.com/2020/03/30-30-march-rajasthan-diwas.html '''राजस्थान दिवस विस्तार से जानकारी''']