"रविदास": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो 2401:4900:367E:C9DE:B4E9:7F69:8392:C86B (Talk) के संपादनों को हटाकर कन्हाई प्रसाद चौरसिया के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
No edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
गुरू रविदास जी ने जीवन-भर भारत देश में में फैली कुरीतियां जैसे - जाति भेदभाव, धर्म-भेदभाव अंत के लिए काम किया,
गुरू रविदास जी को " संत शिरोमणि ", " जगतगुुुरू ", " सतगुरू " आदि उपाधियो से नवाजा गया है, गुरू रविदास जी ने अपने विचारों से करोड़ों लोगों का उद्धार किया,
== जीवन ==
गुरू रविदास (रैदास) जी का जन्म सीर गोवर्धनपुुुर [[काशी]]
दुखियों के
उनके पिता
▲चौदह से तैंतीस कि माघ सुदी पन्दरास । दुखियों के
▲कल्याण हित प्रगटे श्री रविदास।
▲उनके पिता राहू तथा माता का नाम करमा था। उनकी पत्नी का नाम लोना बताया जाता है। रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। वे जूते बनाने का काम किया करते थे औऱ ये उनका व्यवसाय था और उन्होंने अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे।
उनकी समयानुपालन की प्रवृति तथा मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे।प्रारम्भ से ही रविदास
|