"गोकियो झील": अवतरणों में अंतर

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'''गोकियो झील''' &nbsp;[[नेपाल]] &nbsp;मे &nbsp;सागरमाथा नेशनल पार्क में &nbsp;स्थित है, जो की समुद्र तल से &nbsp;{{Convert|4700|–|5000|m|ft}} &nbsp;कि ऊंचाई पर स्थित &nbsp;है। इन झीलों में दुनिया की सबसे ऊंची ताजे पानी की झील प्रणाली जिसमें छह मुख्य झील है, जिनमें से थोनाक झील सबसे बड़ी है। <ref name="nbrb2007">Bhuju, U.R., Shakya, P.R., Basnet, T.B., Shrestha, S. (2007). </ref> सितंबर २००७ में, गोकियो और जुड़े झीलों के {{Convert|7770|ha|sqmi}} &nbsp;रामसर साइट नामित किया गया है &nbsp;.<ref>Bhandari, B. B. (2009). </ref>
 
== झील प्रणाली ==
[[चित्र:Gokyo_third_lake_in_frozen_condition.jpg|अंगूठाकार|गोकियो तीसरा झील जमे हुए हालत में]]
[[चित्र:Gokyo_lake.jpg|अंगूठाकार|गोकियो से देखा गोकियो झील]]
गोकियो झीले खूंजूंग &nbsp;ग्राम विकास समिति के [[सोलुखुंबु जिला|सोळूखूंभू जिले]] में [[सगरमाथा अंचल|सागरमाथा जोन]] में उत्तर-पूर्वी [[नेपाल|नेपाल में]] &nbsp;स्थित है। गोकियो चो, को दुध पोखरी भी कहा जाता है, जो कि मुख्य झील है जिसका  &nbsp;क्षेत्रफल &nbsp;{{Convert|42.9|ha|acre}}, और गोकियो गांव झील &nbsp;के &nbsp;पूर्वी तट पर है। थोनाक चो सबसे बड़ी झील है जिसका क्षेत्रफल &nbsp;{{Convert|65.07|ha|acre}}है। गयाझुमपा &nbsp;चो का क्षेत्रफल है {{Convert|29|ha|acre}} उसके बाद में तनजुंग चो जिसका क्षेत्रफल  &nbsp;{{Convert|16.95|ha|acre}} &nbsp;हा (४१.९ एकड़ जमीन), और नगोजूंबा &nbsp;चो का क्षेत्रफल &nbsp;{{Convert|14.39|ha|acre}}है। &nbsp;ताजे पानी &nbsp;के स्थायी स्रोतों के रूप में  &nbsp;वे काफी &nbsp;मूल्यवान है। ऊन &nbsp;झीळौ &nbsp;मै &nbsp;विभिन्न स्रोतों से पानी आता है, जेसे &nbsp;नगोजूंबा ग्लेशियर, के रिसाब से, उत्तर-पश्चिम में रैनजो ला दर्रे कि &nbsp;एक धारा से और एक अन्य धारा जो कि पूर्व में &nbsp;नगोजूंबा ग्लेशियर से आती है। ये ग्लेशियर से बने मीठे पानी कि &nbsp;झीलों है और तउजन झील और ळौगांबगां झील के माध्यम से दुध कोसी मे पानी का निर्वहन करती है &nbsp;।पहले शोधकर्ताओं द्वारा &nbsp;किय़े &nbsp;गय़े शोध की तुलना &nbsp; में &nbsp;इन झीलों कि &nbsp;गहराई अधीक पाई गई &nbsp;हैं। &nbsp;चौथे झील (थोनाक चो) सबसे &nbsp;गहरी झील है &nbsp;(६२.४ एम) इस के बाद गोकियो &nbsp;झील है जो ४३एम।<ref>Sharma, C. M., Sharma, S., Gurung, S., Bajracharya, R. M., Jüttner, I., Kang, S., Zhang, Q., Li, Q. (2012). </ref>  &nbsp;&nbsp;गोकियो झील और ऊपरी थोनाक चो और नगोजूंबा चो के बीच एक सीधा कनेक्शन नहीं देखा गया है, लेकिन इन झीलों में भूमिगत पानी के रिसाब &nbsp;के माध्यम से जुड़ा हो सकता है हुआ.पारिस्थितिकी नाजुक और अस्थिर क्षेत्र में होने के कारण  &nbsp;&nbsp;गोकियो झील प्रणाली स्वाभाविक रूप से कमजोर है, &nbsp;नगोजूंबा ग्लेशियर मै विस्फोट से इन &nbsp; झीलों &nbsp;का &nbsp;अस्तित्व हमेशा के लिए एक खतरा मे अा सकता हैं। &nbsp;<ref name="ramsar2"><cite class="citation web">WWF. </cite></ref>
 
गोकियो झील प्रणाली में  &nbsp;१९ झीलों है जो कि &nbsp;१९६.२ हा (४८५ एकड़)  &nbsp;क्षेत्र में &nbsp;फैला हुआ है &nbsp;जो कि &nbsp;{{Convert|४६००|and|५१००|m|ft}} &nbsp;उचाई पर है। यह &nbsp;आर्द्रभूमि दुध कोसी नदी के उपर स्थित है &nbsp;जो कि चो ऒयु से उतरता &nbsp;है।.<ref name="karki+al07"><cite class="citation web">Karki, J. B., Siwakoti, M., Pradhan, N. S. (2007). </cite></ref>
 
== धार्मिक महत्व ==
 &nbsp;गोकियो झीलों को हिंदुओं और बौद्धों दोनों धर्म के द्वारा पवित्र माना जाता है। &nbsp;जनाइ पूर्णिमा महोत्सव &nbsp;मे &nbsp;जो आम तौर पर अगस्त के महीने में होता है, &nbsp;करीब ५०० हिंदु इन झीलों &nbsp;में  &nbsp;पवित्र स्नान करते है &nbsp;औसतन७,००० पर्यटकों गोकियो झीलों मै &nbsp;सालाना यात्रा करते है। &nbsp;.<ref name="ramsar2"><cite class="citation web">WWF. </cite></ref> इस स्थान को 'नाग देवता' (नाग देवता) &nbsp;के &nbsp;वासस्थान &nbsp;के रूप में &nbsp;पूजा की जाती है। झील &nbsp;के पश्चिमी कोने &nbsp;मे हिंदू देवी-देवताओं भगवान विष्णु और शिव का &nbsp;एक मंदिर &nbsp;स्थित है।इस क्षेत्र &nbsp;में &nbsp;विश्वास है कि पक्षियों और वन्य जीवन को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए  &nbsp;है जो कि परंपरागत रूप से संरक्षित जीव है। <ref name="nbrb2007">Bhuju, U.R., Shakya, P.R., Basnet, T.B., Shrestha, S. (2007). </ref>
 
== पर्यटन ==
सागरमाथा आधार शिविर और अन्य पर्यटन स्थलों में गोकियो अग्रणी लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक &nbsp;है। &nbsp;<ref name="nbrb2007">Bhuju, U.R., Shakya, P.R., Basnet, T.B., Shrestha, S. (2007). </ref> गोकियो गांव &nbsp;{{Convert|४७९०|m}} ऊंचाई में इस क्षेत्र में &nbsp;एक प्रमुख केंद्र  &nbsp;है।नामचे बाजर से  &nbsp;दो दिनों तक चलने पर यहा पहचा जाता है। &nbsp;ओर से &nbsp;<ref name="we08"><cite class="citation web">Wildlife Extra (2008). </cite></ref> इस क्षेत्र कि यात्रा मे &nbsp;अक्सर गोकियो री कि चढ़ाई शामिल होती &nbsp;है।
 
गोकियो झीलों भी विस्तारित एवरेस्ट आधार शिविर ट्रेक का भाग है जो की  &nbsp;इबीसी ट्रेक गोकियो झीलों के माध्यम के रूप में  &nbsp;जाना जाता है। &nbsp;यह ट्रेक आमतौर पर वे &nbsp;लोगों करते हे जिनके पास थोड़ा अधिक समय हाथ मे होता है।साधारण इबीसी की तुलना में यहां ४ दिन अधिक लगते है। &nbsp;गोकियो झीलों ट्रेक मे दहोरा लाभ यह हे कि यह एक वृत्ताकार मार्ग
होने से एक &nbsp;हि &nbsp;मार्ग  &nbsp;पर &nbsp;दुबारा &nbsp;नही आना &nbsp;पडता &nbsp;जेसा &nbsp;कि इबीसी मे होता है। &nbsp;
 
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