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पादेलोन ऊर्फ सौवर्चल (संचळ) नमक। यह जमिन से प्राप्त करने वाला खनिज है। पादेलोन के टुकड़े होते हैं। इसका रंग फिका गुलाबी सा होता है।
आयोडीनयुक्त नमक- शरीराच्या थायरॉइड ग्रंथी में आयोडीन आवश्यक होता है। आयोडीन की कमतरता से यह ग्रंथी सुजती है, इसे गलगंड या गॉयटर कहते हैं।आयोडीन की कमतरता से मनुष्य की ग्रोथ पर विपरीत परिणाम होता है। इसके लिए नमक में अत्यल्प प्रमाण में (एक किलोग्रॅम नमक में ३० ते ५० मिलिग्रॅम आयोडीन, या एक किलोग्रॅम सोडियम क्लोराईड में ५० ते ८४ मिलिग्रॅम पोटॅशियम आयोडेट) मिलाया जाता है।
पोटॅशियम सॉल्ट : अधिक रक्तदाब वाले रोगी को सादा नमक खाने की डॉक्टर की इजाजत नही होती है पर उन्हें यह नमक चलता है।
टेबल सॉल्ट : अतिशय बारीक किया हुआ शुद्ध सोडियम क्लोराईड। इसे हवा में उपस्थित गिलाव के कारण पानी छुटता नही है। यह खाने की मेजपर बारीक छिद्र वाले कुप्पी में भरकर रखा होता है जो आवश्यकानुसार पदार्थ पर उपर से छिड़क सकते हैं।
हिमालयन पिंक साॅल्ट : यह नमक का सबसे शुद्ध रूप है। हिमालय मे पाया जाता है। इसेही काला नमक कहते हैं। यह अतिशय स्वादिष्ट होता है। इसमें कॅल्शियम, पोटॅशियम, सोडियम और लोह रहता है। सॅलड पर डालने के लिए इससे अच्छा नमक नहीं,ऐसा प्रसिद्ध शेफ संजीव कपूर का मत है।
 
आयुर्वेदात या नेहमीच्या मिठाप्रमजमीन उकरून मिळवलेले मीठ), बीड (बिडलोण), रोमक (जयपूरजवळच्या सांभर तलावातील पाण्यापासून बनलेले मीठ), पांसुज (fossil salt) वगैरे नावांची मिठे वापरली जातात.
 
इतिहास
 
== प्राप्ति / स्रोत ==