"बिहारी भाषाएँ": अवतरणों में अंतर

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'''बिहारी''' [[हिन्द-आर्य भाषाएँ|पूर्वी हिन्द–आर्य भाषाओं]] का पश्चित्मी समूह है जो मुख्यतः भारत में बिहार एवं इसके अन्य पड़ोसी राज्यों में बोली जाती है। कुछ बिहारी भाषायें जैसे: [[अंगिका]], [[बज्जिका]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[मगही]] और [[मैथिली]] भारत के साथ साथ नेपाल में भी बोली जाती हैं।
 
बिहारी शब्द को भाषा के मायने जोड़ने का प्रथम प्रयास [[अंग्रेज]] भाषा-वैज्ञानिक [[सर जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन]] द्वारा देखा जाता है। ग्रियर्सन ने पहली बार अपने ''लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया'' में वर्तमान उत्तरी [[बिहार]] और दक्षिण-पश्चिम [[उत्तर प्रदेश]] में बोली जाने वाले भाषाओं के सम्मिलित स्वरुप जो वहाँ की क्षेत्रिय हिन्दी में परिलक्षित होता है, उसे बिहारी नाम दे दिया है। इस क्षेत्र में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में - [[मैथिली]], [[भोजपुरी]], [[मगही]], [[अंगिका]], [[बज्जिका]], [[नागपुरी भाषा|नागपुरी]], [[खोरठा भाषा|खोरठा]], [[पंचपरगनिया भाषा|पंचपरगनिया]], [[कुरमाली भाषा|कुरमाली]] इत्यादि भाषायें हैं। इन भाषाओं को [[मातृभाषा]] के तौर पर प्रयोग करने वाले जब [[हिन्दी]] को अपनी दूसरी प्रमुख भाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं तो उनकी हिन्दी में व्याकरण और उच्चारण के स्तर पर कई समानतायें पायी जाती है हिंदी की उत्पत्ति मुख्यतः बिहार से ही हुई थी क्योंकि बिहार के दक्षिण भाग में हिंदी भाषा सदियों से बोली जाती थी। और आज भी यहाँ हिंदी ही बोली जाती है। इस प्रभाव को आम तौर पर हिन्दी फिल्मों और आम बोल-चाल में '''"बिहारी"''' नाम दे दिया गया है। ऐसा ही प्रभाव उस क्षेत्र के [[अंग्रेजी]] बोलने वालों की अंग्रेजी में भी परिलक्षित होता है। सामाजिक एवं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में बिहारी शब्द का प्रयोग नकारात्मक विशेषण के रूप में होने लगा है। ये सभी भाषाएँ [[हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार]] में आती हैं।
 
== इन्हें भी देखें ==