"भक्ति रस": अवतरणों में अंतर

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'''भक्ति रस''': इसका स्थायी भाव bhakti है इस रस में ईश्वर कि अनुरक्ति और अनुराग का वर्णन होता है अर्थात इस रस में ईश्वर के प्रति प्रेम का वर्णन किया जाता है।
 
== उदाहरण ==
अँसुवन जल सिंची-सिंची प्रेम-बेलि बोई
 
मीरा की लगन लागी, होनी हो सो होई.
 
=== इस लेख का श्रोत ===
[https://www.mycoaching.in/2018/10/bhakti-ras.html भक्ति रस की परिभाषा भेद और उदाहरण]
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