"नेत्रविज्ञान": अवतरणों में अंतर

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'''नेत्रविज्ञान''' (Ophthalmology), [[आयुर्विज्ञान|चिकित्साविज्ञान]] का वह अंग है जो [[आँख]] की रचना, कार्यप्रणाली, उसकी बीमारियों तथा चिकित्सा से संबधित है। नेत्रचिकित्सा, चिकित्सा व्यवसाय का एक प्रधान महत्वपूर्ण अंग समझा जाना चाहिए। नेत्र जीवन के लिए अनिवार्य तो नहीं, किंतु इसके बिना मानव शरीर के अस्तित्व का मूल्य कुछ नहीं रहता। ऐसे अंग की जीवन पर्यंत रक्षा का प्रबंध रखना रोगी, उसके परिचायक एवं चिकित्सक का पुनीत कर्तव्य होना चाहिए।
 
यह बहुत ही पुराना विज्ञान है, जिसका वर्णन [[अथर्ववेद संहिता|अथर्ववेद]] में भी मिलता है। [[सुश्रुत संहिता|सुश्रुतसंहिता]], [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] भाषा की अनुपम कृति है, जिसमें आँख की बीमारियों तथा उनी चिकित्सा का सबसे प्रारंभिक विवरण मिलता है। [[सुश्रुत]], [[आयुर्वेद]] शास्त्र के प्रथम [[शल्यचिकित्सक]] थे, जिन्होंने विवरणपूर्वक और पूर्णत: आँख की उत्पत्ति, रचना, कार्यप्रणाली, बीमारियों तथा उनकी चिकित्सा के विषय में लिखा है, यह नेत्रविज्ञान के लेख "सुश्रुतसंहिता" के "उत्तरातांत्रा" के 1-19 तक अध्याय में सम्मिलित है। इसमें पलकें कजंक्टाइवा, स्वलेरा, कॉर्निया लेंस और कालापानी इत्यादि का विवरण मिलता है। [[मोतियाबिंद]] का सबसे पहले आपरेशन करने का श्रेय शल्य चिकित्सक सुश्रुत को प्राप्त है। Golu Yadav piyus ji Priyanshu friends of Golu Golu birthday is coming for (4/April/2007)
 
== नेत्र ==