"मंडी, हिमाचल प्रदेश": अवतरणों में अंतर

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=== सुंदरनगर ===
मंडी से 26 किलोमीटर दूर सुंदरनगर अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खूबसूरत हरीभरी घ‍ाटियों के इस क्षेत्र में ऊंचें ऊंचें पेड़ों की छाया में चलना बहुत की सुखद अनुभव होता है। पहाड़ी के ऊपर सुकदेव वाटिका और महामाया का मंदिर है जहां प्रतिवर्ष हजारों भक्‍त आते हैं। एशिया का सबसे बड़ा हाइड्रो इलैक्ट्रिक प्रोजेक्‍ट सुंदरनगर का ही हिस्‍सा है। साथ ही यहाँ एक अत्यन्त मनोहर झील भी है। यहाँ का रात्री दृश्य बहुत ही सुन्दर होता है। शितला माता व कुमारी माता का मन्दिर भी दर्शनीय है। यहाँ स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय भी है, जिसमें संस्कृत पढ़ने की उत्तम व्यवस्था है।है
 
=== जंजैहली ===
मंडी से जंजैहली 82 किलोमीटर है यह एक बहुत ही रमणीय स्थल है तथा भविष्य में यह हिमाचल का तथा भारत का प्रसिद्द पर्यटन स्थल बनने की कगार पर है मंडी से आप इस रमणीय स्थल तक वाया चैलचौक-थुनाग से पहुँच सकते है यह स्थल आपके हृदय को भा जाएगा ऊँचे ऊँचे पहाड़ तथा बर्फ से ढके पहाड़ आपका मन मोह लेंगे
 
=== अर्द्धनारीश्‍वर मंदिर ===
सातवीं शताब्‍दी में बना यह मंदिर स्‍थापत्‍य कला का बेजोड नमूना है। भगवान शिव की सुंदर प्रतिमा यहां स्‍थापित है। प्रतिमा आधे पुरूष और आधी महिला के रूप में है, जो एक दर्शाती है नारी और पुरूष दोनों को अस्तित्‍व एक दूसरे पर निर्भर है।
 
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=== पराशर ===
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पराशर झील मण्डी से 47 किलोमीटर दूर उत्‍तर दिशा में स्थित है। इसकी लोकप्रियता का कारण यहां बना एक तिमंजिला मंदिर है। पैगोड़ा शैली में बना यह मंदिर संत पराशर को समर्पित है।