"शिया इस्लाम": अवतरणों में अंतर
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हालांकि उक्त घटना का लगभग सटीक वर्णन सुन्नी इस्लाम की बहुधा किताबों में मिलता है जो शिया सम्प्रदाय के दावे को बल देता है !
हज के बाद मुहम्मद साहब (स्०) बीमार रहने लगे। उन्होंने सभी बड़े [[सहाबा|सहाबियों]] को बुला कर कहा कि मुझे कलम दावात दे दो कि में तुमको एसा नविश्ता (दस्तावेज) लिख दूँ कि तुम भटको नहीं तो [[उमर]] ने कहा कि ये हिजयान (बीमारी की हालत में ) कह रहे हे और नहीं देने दिया (देखे बुखारी, मुस्लिम)।
शिया इतिहास के अनुसार जब पैग़म्बर साहब की मृत्यु का समाचार मिला तो जहां [[अली]] एवं अन्य कुटुम्बी
ये बात ध्यान देने योग्य है कि [[उमर]] का पुत्र [[अब्दुल्लाह बिन उमर]] ने अपने बाप के उलट [[अली]] को ही पैग़म्बर का वारिस माना और [[अबुबकर]] के बेटे [[मुहम्मद बिन अबुबकर]] ने भी अपने दादा यानी [[कहाफ़ा]] की तरह अली का ही साथ दिया!
=== उस्मान की ख़िलाफ़त ===
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