"सुलतानपुर जिला": अवतरणों में अंतर

सुल्तानपुर जनपद 2559 मिनट से 26 अंश 40 मिनट उत्तरी अक्षांश एवं 81 अंश 32 मिनट से 82 या 41 मिनट पूर्वी देशांतर के मध्य ऊपर एवं मध्यवर्ती गंगा के मैदान के मध्यवर्ती भाग में स्थित है
मड़हा नदी - यह नदी जनपद के उत्तर-पश्चिम कोने पर भीटी विकासखण्ड के उत्तरी किनारे से प्रवेश करती है तथा न्याय पंचायत मूसेपुर गिरेण्ट गांव के उत्तरी सीमा पर बिसुई नदी से मिलती है, जिसे श्रवण क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। वर्षा के दिनों में कभी-कभी बाढ़ आ जाती है जिससे किनारे के शस्य क्षति ग्रस्त हो जाते हैं। इस नदी का उद्म स्थल बाराबंकी जिले के भिटौली गांव के एक झील से हुई है। बिसुई नदी - यह सुलतानपुर जनपद के अजोर गांव के एक बड़े ताल से निकल कर अध्ययन क्षेत्र में भीटी न्याय पंचायत भीटी गांव...
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== भूगोल ==
सुल्तानपुर जनपद 25अंश59 मिनट से 26 अंश 40 मिनट उत्तरी अक्षांश एवं 81 अंश 32 मिनट से 82 अंश 41 मिनट पूर्वी देशांतर के मध्य ऊपर एवं मध्यवर्ती गंगा के मैदान के मध्यवर्ती भाग में स्थित है। सजनपद [[सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश|सुलतानपुर]] की उत्तरी सीमा पर [[अयोध्या]] एवं [[अम्बेडकर नगर ज़िला|अम्बेडकर नगर]], उत्तर पश्चिम में [[बाराबंकी]], पूरब में [[जौनपुर]] व [[आज़मगढ़|आजमगढ़]], पश्चिम में [[अमेठी]] व दक्षिण में [[प्रतापगढ़ जिला, उत्तर प्रदेश|प्रतापगढ़]] जिले स्थित हैं। जनपद में बहने वाली "अादि गंगा" [[गोमती नदी]] प्राकृतिक दृष्टि से जनपद को लगभग दो बराबर भागों में बांटती है। [[गोमती नदी]] उत्तर पश्चिम के समीप इस जिले में प्रवेश करती है और टेढ़ी-मेढ़ी बहती हुई दक्षिण पूर्व द्वारिका के निकट [[जौनपुर]] में प्रवेश करती है। इसके अतिरिक्त यहाँ गभड़िया नाला, मझुई नाला, जमुरया नाला, तथा भट गांव ककरहवा, सोभा, महोना आदि झीले हैं। जनपद की भूमि मुख्य रूप से मटियार है।
मड़हा नदी -
 
यह नदी जनपद के उत्तर-पश्चिम कोने पर भीटी विकासखण्ड के उत्तरी किनारे से प्रवेश करती है तथा न्याय पंचायत मूसेपुर गिरेण्ट गांव के उत्तरी सीमा पर बिसुई नदी से मिलती है, जिसे श्रवण क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। वर्षा के दिनों में कभी-कभी बाढ़ आ जाती है जिससे किनारे के शस्य क्षति ग्रस्त हो जाते हैं। इस नदी का उद्म स्थल बाराबंकी जिले के भिटौली गांव के एक झील से हुई है।
 
बिसुई नदी -
 
यह सुलतानपुर जनपद के अजोर गांव के एक बड़े ताल से निकल कर अध्ययन क्षेत्र में भीटी न्याय पंचायत भीटी गांव के उत्तरी-पश्चिमी भाग से प्रवेश करती है। आगे चलकर कटेहरी विकासखण्ड में मड़हा नदी से मिल जाती है।
 
टोंस नदी -
 
यह जनपद अम्बेडकरनगर के मध्य से प्रवाहित होती है। इसमें अनेक छोटी-छोटी मौसमी नदियां तथा नाले आकर मिलते हैं। वर्षा ऋतु में यह नदी अधिक विस्तृत हो जाती है। इसे प्राचीनकाल में तमसा नाम से जाना जाता था। जलालपुर, नगपुर, नसोपुर तथा बल्दीपुर अधिवासों के निकट इस नदी में वर्षभर नौका चलती है।
 
मझोई नदी -
 
यह नदी जनपद की दक्षिणी सीमा निर्धारित करती है। सुलतानपुर जनपद के किनावन के समीप एक झील से निकलकर अम्बेडकरनगर जनपद के भीटी विकास खण्ड के रामपुर गिरेण्ट तथा बेला गांव के दक्षिणी सीमा को स्पर्श करती हुई अध्ययन क्षेत्र की दक्षिणी सीमा के समान्तर प्रवाहित होती है। इस नदी को पार करने के लिए चन्दौली, पटना हरवंशपुर, महरूआ, दोस्तपुर तथा सुरहुरपुर में स्थायी सेतु है।
 
झील एवं तालाब -
 
जनपद का उत्तरी एवं उत्तरी पूर्वी क्षेत्र वर्षा ऋतु में जलमग्न हो जाता है। इस क्षेत्र में अनेकों झील एवं ताल पाये जाते हैं। प्रमुख रूप से कटेहरी विकासखण्ड के खेमापुर न्याय पंचायत की डरबन एवं हाथपाकड़ झील है। ये झीलें आपस में मिलकर लगभग 600 एकड़ क्षेत्र को प्रभावित करती है। जनपद में अनेक छोटे-छोटे ताल एवं झीलें हैं जिनमें सीताघाट, कोशी तथा कछुआ विशेष उल्लेखनीय हैं। इसके अलांवा अध्ययन क्षेत्र में तालाबों की संख्या लगभग 3678 है। इसमें छोटे-छोटे मौसमी ताल भी सम्मिलित हैं।
 
घाघरा नदी -
 
यह जनपद की प्रमुख नदी है जो अध्ययन क्षेत्र में सरयू नदी के नाम से जानी जाती है। अम्बेडकरनगर जनपद की उत्तरी सीमा पर पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ प्रवाहित होती है। यह एक सतत् वाहिनी नदी है जिसमें जल की गहराई कभी भी 7 फिट से कम नहीं होती है। वर्षा ऋतु में जल की अधिकता के कारण इसके अपवाह क्षेत्र की चौड़ाई काफी बढ़ जाती है, जिससे समीपवर्ती क्षेत्रों में जल भराव एवं बाढ़ की अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। पूरे वर्ष भर इस नदी में नौका तथा स्टीमर द्वारा परिवहन का कार्य सम्पन्न होता है।
 
जनपद की भूमि मुख्य रूप से मटियार है।सुलतानपुर जनपद की मिट्टी में मुख्यतः चार तत्व यथा- बलुई लोयस, लोयस, सिल्ट क्ले लोयस तथा क्ले लोयस पाया जाता है। सुलतानपुर जनपद की मिट्टी में सर्वाधिक बलुई लोयस विकासखण्ड शुकुलबाजार में 37.08 प्रतिशत एवं सबसे कम विकासखण्ड भदैया में 4.09 प्रतिशत है। जबकि सात विकासखण्डों यथा- जामों, अमेठी, भेटुआ, गौरीगंज, संग्रामपुर, शाहगढ़ एवं अखण्डनगर में बलुई लोयस तत्व का अभाव पाया जाता है,।जनपद में सर्वाधिक लोयस तत्व विकासखण्ड जामो में 79.69 प्रतिशत एवं सबसे कम गौरीगंज विकासखण्ड में 18.32 प्रतिशत है। जबकि शेष विकासखण्डों में 79.69-18.32 प्रतिशत के मध्य लोयस तत्व पाया जाता है।जनपद में सर्वाधिक सिल्ट क्ले लोयस तत्व विकासखण्ड लम्भुआ में 33.45 प्रतिशत एवं सबसे कम 2.34 प्रतिशत जामों विकासखण्ड में पाया जाता है। शेष बारह विकासखण्डों में इसका अभाव पाया जाता है।
 
क्ले लोयस का सर्वाधिक मात्रा दोस्तपुर विकासखण्ड में 72.88 प्रतिशत तथा सबसे कम कादीपुर विकासखण्ड में 10.61 प्रतिशत पाया जाता है। जबकि छः विकासखण्डों यथा- मुसाफिरखाना, शुकुलबाजार, जगदीशपुर, भादर, भेटुआ एवं कुड़वार में क्ले लोयस तत्व का अभाव पाया जाता है।
 
प्रशासनिक दृष्टि से जनपद [[सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश|सुलतानपुर]] पाँच तहसील- [[लंभुआ (तहसील), सुल्तानपुर|लम्भुआ]], [[कादीपुर]], [[सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश|सुलतानपुर]], [[जयसिंहपुर]] और [[बल्दीराय]] व 14 विकास खंड- अखंड नगर, दोस्तपुर, करौंदी कला, [[कादीपुर]], मोतिगरपुर, जयसिंहपुर, कुरेभार, प्रतापपुर कमैचा, लंभुआ, भदैया, दूबेपुर, धनपतगंज, कुड़वार व बल्दीराय है।