"संसाधन": अवतरणों में अंतर

Anavikarniya sansadhan ka paribhasha.
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* जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल, कोयला, आदि। जीवाश्म ईंधन का विकास एक लम्बे भू वैज्ञानिक अंतराल में होता है। इसका अर्थ यह है कि एक बार पेट्रोल, कोयला आदि ईंधन की खपत कर लेने पर उन्हें किसी भौतिक या रासायनिक क्रिया द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अत: इन्हें अनवीकरण योग्य संसाधन के अंतर्गत रखा गया है।
 
* धातु हमें खनन के द्वारा खनिज के रूप में मिलता है। हालाँकि धातु का एक बार उपयोग के बाद उन्हें फिर से प्राप्त किया जा सकता है। जैसे लोहे के एक डब्बे से पुन: लोहा प्राप्त किया जा सकता है। परंतु फिर से उसी तरह के धातु को प्राप्त करने के लिए खनन की ही आवश्यकता होती है। अत: धातुओं को भी अनवीकरण योग्य संसाधन में रखा जा सकता है। anavikaran sansadhan=jinka bhandar simit hai,bhandar ke ek baar smapt hone ke baad unke navikrit athva pnah purit hone me hajaro warsh lg skte hai.yah awdhi
manav jivan ki avdhi se bahut adhik hai.es prakar ke sansadhan anavikarniy sansadhan kahlate hai.
 
===स्वामित्व के आधार पर संसाधन का वर्गीकरण===