"सुलतानपुर जिला": अवतरणों में अंतर

सुलतानपुर एक कृषि प्रधान जनपद है, जहां कि 88.30 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है। कृषि अनेक जीवनयापन का प्रमुख साधन है। अनुकूल भौगोलिक दशाओं, समतल भूमि, उपजाऊ मिट्टी, उत्तम जलवायु, जल संसाधन की उपलब्धता तथा जनसंख्या के बढ़ते दबाव के कारण कृषि कार्य व्यापक पैमाने पर होता है।
प्राकृतिक वनस्पतिः-प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव-जन्तु प्राकृतिक भू-दृश्य के प्रधान अंग है। किसी भी क्षेत्र के प्राकृतिक वनस्पति वहाँ की जलवायु का यथार्थ प्रतिनिधित्व करती हैं। सुलतानपुर जनपद की प्राकृतिक वनस्पति मानसूनी प्रकार की हैं जिसमें पतझड़ वाले वृक्ष, कटीली झांड़ियाँ अधिक पायी जाती हैं।आदिकाल से जनपद का मुख्य भाग सघन ढाख, कटीली झाड़ियों आदि वृक्षों से आच्छादित था जो मुगलकाल में एक सुरक्षित महत्वपूर्ण व अवरोध की स्थित में था। बहुत दिनों तक यह एक बहुत बड़ें सघन पेटी के रूप में अमेठी से...
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यह जनपद की प्रमुख नदी है जो अध्ययन क्षेत्र में सरयू नदी के नाम से जानी जाती है। अम्बेडकरनगर जनपद की उत्तरी सीमा पर पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा की तरफ प्रवाहित होती है। यह एक सतत् वाहिनी नदी है जिसमें जल की गहराई कभी भी 7 फिट से कम नहीं होती है। वर्षा ऋतु में जल की अधिकता के कारण इसके अपवाह क्षेत्र की चौड़ाई काफी बढ़ जाती है, जिससे समीपवर्ती क्षेत्रों में जल भराव एवं बाढ़ की अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। पूरे वर्ष भर इस नदी में नौका तथा स्टीमर द्वारा परिवहन का कार्य सम्पन्न होता है।
 
मिट्टयाँः- सुलतानपुर जनपद  गंगा-यमुना के समतल मैदानी भाग में स्थित है। इस जनपद में मटियार मिट्टी पायी जाती है जिसमें जल धारण करने की क्षमता अधिक होती है। यहाँ मुख्य रूप से क्ले, दोमट, भूरी तथा मटियार मिट्टयाँ पायी जाती हैं। भौतिक अध्ययन करने पर इस जनपद की मिट्टयों को निम्नलिखित छः भागों में विभाजित किया जाता है -
जनपद की भूमि मुख्य रूप से मटियार है।सुलतानपुर जनपद की मिट्टी में मुख्यतः चार तत्व यथा- बलुई लोयस, लोयस, सिल्ट क्ले लोयस तथा क्ले लोयस पाया जाता है। सुलतानपुर जनपद की मिट्टी में सर्वाधिक बलुई लोयस विकासखण्ड शुकुलबाजार में 37.08 प्रतिशत एवं सबसे कम विकासखण्ड भदैया में 4.09 प्रतिशत है। जबकि सात विकासखण्डों यथा- जामों, अमेठी, भेटुआ, गौरीगंज, संग्रामपुर, शाहगढ़ एवं अखण्डनगर में बलुई लोयस तत्व का अभाव पाया जाता है,।जनपद में सर्वाधिक लोयस तत्व विकासखण्ड जामो में 79.69 प्रतिशत एवं सबसे कम गौरीगंज विकासखण्ड में 18.32 प्रतिशत है। जबकि शेष विकासखण्डों में 79.69-18.32 प्रतिशत के मध्य लोयस तत्व पाया जाता है।जनपद में सर्वाधिक सिल्ट क्ले लोयस तत्व विकासखण्ड लम्भुआ में 33.45 प्रतिशत एवं सबसे कम 2.34 प्रतिशत जामों विकासखण्ड में पाया जाता है। शेष बारह विकासखण्डों में इसका अभाव पाया जाता है।
 
1. हल्की भूरी बलुई क्ले दोमट मिट्टी।
क्ले लोयस का सर्वाधिक मात्रा दोस्तपुर विकासखण्ड में 72.88 प्रतिशत तथा सबसे कम कादीपुर विकासखण्ड में 10.61 प्रतिशत पाया जाता है। जबकि छः विकासखण्डों यथा- मुसाफिरखाना, शुकुलबाजार, जगदीशपुर, भादर, भेटुआ एवं कुड़वार में क्ले लोयस तत्व का अभाव पाया जाता है।सुलतानपुर एक कृषि प्रधान जनपद है, जहां कि 88.30 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है। कृषि अनेक जीवनयापन का प्रमुख साधन है। अनुकूल भौगोलिक दशाओं, समतल भूमि, उपजाऊ मिट्टी, उत्तम जलवायु, जल संसाधन की उपलब्धता तथा जनसंख्या के बढ़ते दबाव के कारण कृषि कार्य व्यापक पैमाने पर होता है।
 
2. हल्की भूरी क्ले दोमट मिट्टी।
 
3. भूरी हल्की बलुई मिट्टी।
 
4. हल्की भूरी छोटे कण वाली बलुई दोमट मिट्टी।
 
5. सफद भूरी बलुई क्ले दोमट मिट्टी।
 
6. भूरी छोटे कण वाली बलुई दोमट मिट्टी।
 
सुलतानपुर जनपद की मिट्टियाँ कृषकीय अर्थव्यवस्था व जनसंख्या संकेन्द्रण का मूल आधार है। वनस्पति धरातल प्राचीन काल से किये जाने वाले कृषि कार्य, मुलायम मिट्टी संरचना तथा जल प्रवाह प्रणाली व जलवायु आदि कारणों से यहाँ भूक्षरण हो रहा है। गोमती नदी तथा अध्ययन क्षेत्र में पाये जाने वाले विभिन्न नालों के कारण प्रायः अधिकांश भू-भाग भूक्षरण से प्रभावित है।विश्लेषण से ज्ञात होता है कि भूअपरदन तथा भूमिक्षरण रोकन का सरकारी कार्य चल रहा है जिसके अन्तर्गत वृक्षारोपण, बन्धों का निर्माण, बीहड़ भूमि का समतलीकरणऔर कृषि योग्य बंजर भूमि सुधार कार्यक्रम सम्पादित किये जा रहें हैं। जनपद की भूमि मुख्य रूप से मटियार है।सुलतानपुर जनपद की मिट्टी में मुख्यतः चार तत्व यथा- बलुई लोयस, लोयस, सिल्ट क्ले लोयस तथा क्ले लोयस पाया जाता है। सुलतानपुर जनपद की मिट्टी में सर्वाधिक बलुई लोयस विकासखण्ड शुकुलबाजार में 37.08 प्रतिशत एवं सबसे कम विकासखण्ड भदैया में 4.09 प्रतिशत है। जबकि सात विकासखण्डों यथा- जामों, अमेठी, भेटुआ, गौरीगंज, संग्रामपुर, शाहगढ़ एवं अखण्डनगर में बलुई लोयस तत्व का अभाव पाया जाता है,।जनपद में सर्वाधिक लोयस तत्व विकासखण्ड जामो में 79.69 प्रतिशत एवं सबसे कम गौरीगंज विकासखण्ड में 18.32 प्रतिशत है। जबकि शेष विकासखण्डों में 79.69-18.32 प्रतिशत के मध्य लोयस तत्व पाया जाता है।जनपद में सर्वाधिक सिल्ट क्ले लोयस तत्व विकासखण्ड लम्भुआ में 33.45 प्रतिशत एवं सबसे कम 2.34 प्रतिशत जामों विकासखण्ड में पाया जाता है। शेष बारह विकासखण्डों में इसका अभाव पाया जाता है।क्ले लोयस का सर्वाधिक मात्रा दोस्तपुर विकासखण्ड में 72.88 प्रतिशत तथा सबसे कम कादीपुर विकासखण्ड में 10.61 प्रतिशत पाया जाता है। जबकि छः विकासखण्डों यथा- मुसाफिरखाना, शुकुलबाजार, जगदीशपुर, भादर, भेटुआ एवं कुड़वार में क्ले लोयस तत्व का अभाव पाया जाता है।सुलतानपुर एक कृषि प्रधान जनपद है, जहां कि 88.30 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है। कृषि अनेक जीवनयापन का प्रमुख साधन है। अनुकूल भौगोलिक दशाओं, समतल भूमि, उपजाऊ मिट्टी, उत्तम जलवायु, जल संसाधन की उपलब्धता तथा जनसंख्या के बढ़ते दबाव के कारण कृषि कार्य व्यापक पैमाने पर होता है।
 
प्राकृतिक वनस्पतिः- प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव-जन्तु प्राकृतिक भू-दृश्य के प्रधान अंग है। किसी भी क्षेत्र के प्राकृतिक वनस्पति वहाँ की जलवायु का यथार्थ प्रतिनिधित्व करती हैं। सुलतानपुर जनपद की प्राकृतिक वनस्पति मानसूनी प्रकार की हैं जिसमें पतझड़ वाले वृक्ष, कटीली झांड़ियाँ अधिक पायी जाती हैं।आदिकाल से जनपद का मुख्य भाग सघन ढाख, कटीली झाड़ियों आदि वृक्षों से आच्छादित था जो मुगलकाल में एक सुरक्षित महत्वपूर्ण व अवरोध की स्थित में था। बहुत दिनों तक यह एक बहुत बड़ें सघन पेटी के रूप में अमेठी से रामनगर तक विस्तृत था। तीव्र जनसंख्या वुद्धि, कृषि भूमि प्रसार, औद्योगिकीकरण तथा यातायात के साधनों के विकास आदि के कारण वनों का सफाया किया गया।वर्तमान में यत्र-तत्र ही वनक्षेत्र देखने को मिलते हैं। सर्वाधिक ढाख, शीशम, नीम, बेल, पीपल, बरगद, गूलर, महुआ, जामुन, सागौन, अर्जुन आदि के वृक्ष हैं। सुलतानपुर जनपद में 2065 हे0 भूमि पर वनों का विस्तार है जो सम्पूर्ण क्षेत्र का मात्र 0.45 प्रतिशत है। स्पष्ट है कि प्राकृतिक वनस्पति की दृष्टि से जनपद सुलतानपुर दयनीय स्थिति में है।
 
प्रशासनिक दृष्टि से जनपद [[सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश|सुलतानपुर]] पाँच तहसील- [[लंभुआ (तहसील), सुल्तानपुर|लम्भुआ]], [[कादीपुर]], [[सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश|सुलतानपुर]], [[जयसिंहपुर]] और [[बल्दीराय]] व 14 विकास खंड- अखंड नगर, दोस्तपुर, करौंदी कला, [[कादीपुर]], मोतिगरपुर, जयसिंहपुर, कुरेभार, प्रतापपुर कमैचा, लंभुआ, भदैया, दूबेपुर, धनपतगंज, कुड़वार व बल्दीराय है।