"युधिष्ठिर मीमांसक": अवतरणों में अंतर

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'''महामहोपाध्याय पंडित युधिष्ठिर मीमांसक''' (१९०९ - १९९४) [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] के प्रसिद्ध विद्वान् तथा वैदिक वाङ्मय के निष्ठावान् समीक्षक थे। उन्होने संस्कृत के प्रचार-प्रसार में अपना अमूल्य योगदान दिया।
पूर्वावलोकन युधिष्ठिर मीमांसक
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डलडँड
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‼️ओ३म्‼️
 
नमस्ते जी!
 
हम बीमार समाजी यह गप्पेबाजियाँ फैलाते हैं कि, आर्य समजी विद्वान श्री युधिष्ठिर मीमांसक जु के साथ शास्त्रार्थ में पूरी पीठ के शंकराचार्य जी और करपात्री जी बुरी तरह हारे थे।
 
लेकिन ऐसा शास्त्रार्थ ही नहीं हुआ! कथित युधिष्ठिर मीमांसक को स्वामीश्री मलेच्छ ही मानते थे! तो शास्त्रार्थ कैसा?
 
नमाजी च्युतियापा कथित युधिष्ठिर मीमांसक स्वयं ऐसी गप्पेबाजियाँ हाँकता था! अनार समाज की इसमें कोई भागीदारी ही नहीं थी!
 
एवं यह बकवाद गप्पमात्र तभी सिद्ध हो जाता है जब मलेच्छवा स्वयं ऐसी फर्जी लंतरानियोँ का प्रचारादि करता है!
 
कथित वेदवाणी मैगजीन में मलेच्छवा स्वयं ही कह रहा था कि गुप्त शास्त्रार्थ हुआ था! क्या शास्त्रार्थ भी गुप्त होता है?
 
जबकि स्वामीश्री ने इसका कोई वर्णन नहीं किया है!
 
एवं विषयांतर से भिन्न भी मलेच्छवे (कथित यु•मी•) की अनेकों बातें गप्पमात्र सिद्ध हुईं हैं!
 
वो स्वयं को निभोगानन्द से प्रभावित कथित पं॰ गौरीलाल सारस्वत का पुत्र कहता था!
 
जबकि वास्तव में वह मलेच्छ मुल्ला था!
 
हममें से कुछ आर्य समाजी चुतिए उस,शास्रार्थ के नाम पर किताब लिखे है जबके और हम कहते हैं कि हमारे पास वॉयस रिकॉर्ड भी है पर लोगों द्वारा मांगने पर चुप हो जाते हैं।
 
हम आर्य समाजी बहुत बड़े पाखण्डी हैं। हिन्दुओं को मूर्ख बनाते हैं और लव जिहाद फैलाते हैं। हम लोग छिपे हुए नमाजी हैं।
 
‼️समाजी-नमाजी‼️😑‼️भाई-भाई‼️
 
हम आर्य समाजी डाल्डा लगाकर हलाला-नियोग करते हैं। और मुल्लोंं को पण्डित बनाते हैं। असली पण्डितों को गरियाते हैं‼️
 
क्योंकि हम पाखण्डी नमाजी हैं‼️
 
‼️जय श्री राम‼️
 
== परिचय ==