"मारीच": अवतरणों में अंतर

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'''मारीच''' [[रामायण]] का एक दुष्ट पात्र है। मारीच [[ताड़का]] का पुत्र था तथा उसक पिता का नाम सुन्द था।
'''मारीच''' [[रामायण]] का एक दुष्ट पात्र है। मारीच [[ताड़का]] का पुत्र था तथा उसक पिता का नाम सुन्द था। अर्थात रावण का मामा था।शूर्पणखा के बार-बार कहने पर रावण। मारीच के पास गया। रावण नेमारीच को सीता को हरने कीी योजना बताई। सुनकर मारीच ने रावण को बहुत समझाया। यह अनुचित है। परंतु रावण को समझ ना आया। योजना स्वरूप। रावण ने मारीच को स्वर्ण मृग बन जाने को कहा। जिसे देख कर सीता जी आकर्षित हुई। और श्री राम से स्वर्ण मृग को। पकड़ लाने को कहा राम सीता की जिद पूरी करने के लिए स्वर्ण को पकड़ने के लिए चले गए। और लक्ष्मण को सीता की रक्षा के लिए छोड़ गए। काफी देर तक श्री राम। के वापस ना आने पर सीता जी चिंतित हुई और लक्ष्मण को श्री राम की खबर लाने के लिए पहुंचाया गया। जब लक्ष्मण जी घर से बाहर निकले तब उन्होंने लक्ष्मणरेखा का निर्माण किया। जिस को पार करने के बादसीता जी का हरण रावण के द्वारा कर लिया गया।
 
 
 
 
 
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{{श्री राम चरित मानस}}
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