"ग्वालियर का क़िला": अवतरणों में अंतर

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'''ग्वालियर दुर्ग''' [[ग्वालियर]] शहर का प्रमुखतम स्मारक है। ग्वालियर दुर्ग का निर्माण [[बघेल कछवाह]] शासक सूरजसेन पाल कछवाह
ने किया [[बघेल कछवाह]] शासकों ने ग्वालियर पर लगभग 600 से 700 साल तक शासन किया। यह किला 'गोपाचल' (गोप + अचल = गोप पर्वत) नामक [[पर्वत]] पर स्थित है। किले के पहले राजा का नाम सूरज सेन था, जिनके नाम का प्राचीन 'सूरज कुण्ड' किले पर स्थित है। इसका निर्माण ९३वीं शताब्दी में [[राजा मान सिंह तोमर]] ने मा न मंदिर महल का निर्माण करवाया।भिन्न कालखण्डों में इस पर विभिन्न शासकों का नियन्त्रण रहा। [[गुजरी महल]] का निर्माण रानी [[मृगनयनी]] के लिए राया ।
 
 
 
था। वर्तमान समय में यह दुर्ग एक पुरातात्विक संग्रहालय के रूप में है। इस दुर्ग में स्थित एक छोटे से मन्दिर की दीवार पर '''[[शून्य]] (०)''' उकेरा गया है जो शून्य के लेखन का दूसरा [[बक्षाली पाण्डुलिपि|सबसे पुराना]] ज्ञात उदाहरण है। यह शून्य आज से लगभग १५०० वर्ष पहले उकेरा गया था।<ref>[http://www.smithsonianmag.com/smart-news/you-can-visit-the-worlds-oldest-zero-at-a-temple-in-india-2120286/?no-ist You Can Visit the World’s Oldest Zero at a Temple in India], Smithsonian magazine</ref>