"शिरडी साईं बाबा": अवतरणों में अंतर

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; जन्म-तिथि एवं स्थान
साईं बाबा का जन्म कब और कहाँ हुआ था एवं उनके माता-पिता कौन थे ये बातें अज्ञात हैं। किसी दस्तावेज से इसका प्रामाणिक पता नहीं चलता है। स्वयं शिरडी साईं ने इसके बारे में कुछ नहीं बताया है।<ref>''श्री साई सच्चरित्र'', श्री गोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर (हेमाड़ पंत), हिन्दी अनुवाद- श्री शिवराम ठाकुर, श्री साईं बाबा संस्थान, शिरडी, १७वाँ संस्करण-१९९९, पृष्ठ-१८.</ref> उनके जन्म स्थान एवं तिथि की बात वास्तव में उनके अनुयायियों के विश्वास एवं श्रद्धा पर आधारित हैं। शिरडी साईं बाबा के अवतार माने जाने वाले [[सत्य साईं बाबा|श्री सत्य साईं बाबा]] ने अपने पूर्व रूप का परिचय देते हुए शिरडी साईं बाबा के प्रारंभिक जीवन सम्बन्धी घटनाओं पर प्रकाश डाला है जिससे ज्ञात होता है कि उनका जन्म २८ सितंबर १८३५ में तत्कालीन हैदराबाद राज्य के पाथरी नामक गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।<ref name="गुप्त" />
 
; माता-पिता
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; बचपन एवं चाँद पाटिल का आश्रय
बाबा का लालन-पालन एक मुसलमान फकीर के द्वारा हुआ था, परंतु बचपन से ही उनका झुकाव विभिन्न धर्मों की ओर था लेकिन किसी एक धर्म के प्रति उनकी एकनिष्ठ आस्था नहीं थी। कभी वे हिन्दुओं के मंदिर में घुस जाते थे तो कभी मस्जिद में जाकर शिवलिंग की स्थापना करने लगते थे। इससे न तो गाँव के हिन्दू उनसे प्रसन्न थे और न मुसलमान। निरंतर उनकी शिकायतें आने के कारण उनको पालने वाले फकीर ने उन्हें अपने घर से निकाल दिया। साईं के जितने वृत्तांत प्राप्त हैं वे सभी उनके किसी न किसी चमत्कार से जुड़े हुए हैं। औरंगाबाद जिले के धूप गाँव के एक धनाढ्य मुस्लिम सज्जन की खोयी घोड़ी बाबा के कथनानुसार मिल जाने से उन्होंने प्रभावित होकर बाबा को आश्रय दिया।दिया और कुछ समय तक बाबा वहीं रहे।<ref>''श्री साई सच्चरित्र'', श्री गोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर (हेमाड़ पंत), हिन्दी अनुवाद- श्री शिवराम ठाकुर, श्री साईं बाबा संस्थान, शिरडी, १७वाँ संस्करण-१९९९, पृष्ठ-२०.</ref>
 
; शिर्डी में सांईं का आगमन