"शिरडी साईं बाबा": अवतरणों में अंतर

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=== शिरडी में आगमन ===
चामत्कारिक कथा के तौर पर ही कहा जाता है कि बाबा पहली बार सोलह वर्ष की उम्र में शिरडी में एक नीम के पेड़ के तले पाये गये थे। उनके इस निवास के बारे में कुछ चामत्कारिक कथाएँ प्रचलित हैं।<ref>''श्री साई सच्चरित्र'', श्री गोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर (हेमाड़ पंत), हिन्दी अनुवाद- श्री शिवराम ठाकुर, श्री साईं बाबा संस्थान, शिरडी, १७वाँ संस्करण-१९९९, पृष्ठ-१८-१९.</ref> कुछ समय बाद वे वहाँ से अदृश्य हो गये थे। पुनः शिरडी आने एवं उसे निवास स्थान बनाने के संदर्भ में कथा है कि चाँद पाटिल के आश्रय में कुछ समय तक रहने के बाद एक बार पाटिल के एक निकट सम्बन्धी की बारात शिरडी गाँव गयी जिसके साथ बाबा भी गये। विवाह संपन्न हो जाने के बाद बारात तो वापस लौट गयी परंतु बाबा को वह जगह काफी पसंद आयी और वे वही एक जीर्ण-शीर्ण मस्जिद में रहने लगे और जीवनपर्यन्त वहीं रहे।<ref name="सच्चरित्र" />
 
=== साईं बाबा के १२ नाम ( मंत्र ) ===