"वॄश्चिक राशि": अवतरणों में अंतर

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आप मध्यम कद के स्थूल शरीर तथा बड़े चेहरे वाले हो सकते हैं। आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा। आपकी रंगत गोरी होगी। आपके नेत्र पीले, बड़े और गहरे हो सकते हैं। आपके कन्धे चौड़े और कमर पतली हो सकती है। आपकी टांगे टेढ़ी या पैरों में कोई दोष हो सकता है। आपके बाल घुंघराले हो सकते हैं। आपके शरीर का उपरी भाग निचले भाग से बड़ा हो सकता है।
Anyatra-
वृश्चिक लग्न में जन्म होने से आप पुष्ट शरीर वाले तथा अच्छे डीलडौल वाले होंगे। आपकी आंखे बड़ी-बड़ी तथा आगे की ओर निकली हुई तथा मस्तक चैड़ा होगा। हडियां पुष्ट तथा शरीर में बहुत शक्ति होगी। आप में संग्रह की प्रवृति अधिक होगी। आपके हाथ की बनावट में हथेली चपटी तथा अधिक मांसल होगी। आपका शुक्र क्षेत्र बड़ा होगा। हाथ लम्बा कम और चैडा़ अधिक होगा। अंगूठा छोटा, पीछे की ओर नहीं मुढने वाला, दृढ़ता एवं हठ का परिचायक होगा। उंगुलियंा मोटी होंगी, जिन पर रेखायें गहरी तथा लाल रंग की होंगी। आपकी कथनी और करनी में कोई भेद नहीं होगा। आपमें दूसरे के भावों को समझने की विशिष्ट शक्ति मौजूद होगी, आप क्रूर, स्पष्ट भाषी, कठोर परंतु ईमानदार होंगे। इस लग्न के पुरूष के प्रति स्त्रियांे को सहानुभूति पूर्ण होना चाहिये। आप गंभीर प्रकृति वाले, प्रखर बुद्धि, आदर्शवादी, धार्मिक विचारों से सम्पन्न, उत्साही, दृढ़ इच्छा शक्ति वाले परंतु क्रोधी और चंचल स्वभाव के होंगे। आपका व्यक्तित्व विशिष्ट प्रेरक, रहस्यमय तथा वैभवपूर्ण होगा। आप जटिलताओं से बचने के लिये गंभीर बने रहेंगे, परन्तु चोट पहुंचाये जाने पर डंक मारने की षक्तिशक्ति रखते होंगे। आप स्वयं अपने लिये तथा अन्य वस्तुओं के लिये भी रहस्यमय व्यक्तित्व वाले होंगे। सभी लग्न वालों से आपकी वृष्चिक लग्न सर्वाधिक गूढ़ एवं अन्तर्विरोधात्मक लग्न मानी जाती है। कुछ विद्वान तो इस लग्न को असम्भव कार्य करनेवालों की लग्न मानते हैं। आप अपनी विषेषता के कारण अत्यन्त ऊंचे भी चढ़ सकते हैं, तथा अत्यन्त गहराई में भी बैठ सकते हैैं। अक्रामक होंगे तथा व्यक्तित्व दोहरा होगा, परन्तु मिथुन लग्न की भांति चंचल नहीं होगा। आपको प्रभावित करने के लिये मात्र मौखिक सहानुभूति से काम नहीं चलता। आप क्रियात्मक प्रमाण भी चाहते हैं, आप अपने अपमानकर्ता अथवा वंचक को कभी भूल नहीं पाते। आप सक्रिय तथा अपने अधिकारों एवं योग्यताओं के प्रति जागरूक रहने वाले होंगे। मुकदमे तथा आर्थिक कठिनाइयों में व्यस्त रहेंगे, आपकी मैत्री भावी जीवन के लिये होती है। आपको परिवारिक जीवन गहराई से प्रभावित करता है। आप खर्च से कतराते नहीं हैं, आपके लिये भविष्य बहुत महत्वपूर्ण होता है। भेदों को छिपाने तथा भेदों का उद्धाटन करने में आप समर्थ होंगे। धन को एकत्र करना तथा उसका समुचित प्रयोग करना आप जानते हैं। निरन्तर निर्माण कार्यो में रत रहेंगे, तथा जाने अनजाने अपने भविष्य का निर्माण करते रहेंगे। पराजय आपकी सफलता की सीढ़ी है। पराजय के बाद आपको विजय अवश्य मिलती है। आप सदैव मौलिक बनने का प्रयत्न करते हैं, अधिक संवेदनशील होंगे, परंतु अन्य लोग आपको संवेदनशील की अपेक्षा कठोर और सतर्क व चालाक समझते हैं। यथार्थ में आप संतुलन एवं समरक्षता की खोज में लगे रहते हैं। भीतर से कोमल तथा बाहर से कठोर होंगे। स्वयं को व्यक्त करने की चेष्टा करनी चाहिये। अपनी इच्छाओं को प्रगट करके ही आप सुखी हो सकते हैं। देश-भक्ति आप की मुख्य विशेषता होगी। आप विनाश की घड़ी में सार्वजनिक कल्याण के लिये अपना बलीदान भी कर सकते हैं। अपने परिवार, स्वामी तथा दल के प्रति पूर्ण निष्ठावान् होंगे। किसी बड़े संस्थान में आप को सर्वाधिक विश्वसनीय समझा जा सकता है। आप को प्रारंभ में अत्यधिक पथ-प्रदर्शन की आवश्यकता होगी। ऐसा न होने पर आप निराशा से ग्रस्त होकर अपने व्यक्तित्व का सर्वनाश कर बैठेंगे। धर्म के क्षेत्र में आप उदार नहीं कहे जा सकते, परन्तु अच्छे और बुरे व्यक्तियों का विभाजन करके बुरे लोगों के प्रति उचित दण्ड के पक्षपाती होंगे। स्वयं पर आप कड़ा नियंत्रण रख सकते हैं, तथा अपने जीवन को जैसा चाहें वैसा बना सकते हैं। आप जीवन में बहुत ऊंची उड़ान भरने वाले, तथा अपने लक्ष्य को पाने के लिये अत्यधिक परिश्रम करने वाले होंगे। आपका परिश्रम आपको लक्ष्य तक ले जा सकता है। एक दिन सफलता आपके चरण चूमेगी। आप के नेतृत्व में एक प्रकार का आतंक होगा। जिस कारण आप तानाशाह भी बन सकते हैं। आप हर प्रकार की बाधाओं का सामना करने के लिये प्रस्तुत रहेंगे। आपके ऊपर शांति का आवरण पड़ा रहेगा, परंतु अपने प्रयास में बाधक व्यक्ति की खबर लेते समय आप उस शान्ति के आवरण को उतार फेंकेंगे, और बड़ी निर्दयता से पेश आयेंगे। आप से शत्रुता मोल लेना आसान नहीं होगा, क्योंकि आपको पराजित करना कठिन होगा। आप प्रत्येक कार्य बड़े आत्म-विश्वास के साथ करेंगे। आप तीक्ष्ण वचन बोलने वाले अर्थात स्पष्ट वक्ता होंगे। इसी लिये आपके मित्रों की संख्या अधिक नहीं होगी। परन्तु जब किसी राजनीति अथवा सामाजिक कार्य के क्षेत्र में कदम रखेंगे, उस समय आपके अनुयाइयों की संख्या काफी बढ़ जायेगी। आप अक्सर किसी न किसी कार्य में लगे ही रहेंगे, और किसी से अधिक मतलब नहीं रखेंगे, परन्तु यदि कोई आपको अकारण ही छेड़ेगा तो आप उसे कठिन दण्ड देने पर उतारू हो जायेंगे। आप के पाप छिपे रहेंगे और वे प्रकट नहीं हो सकेंगे, संक्षेप में आप अत्यन्त, निडर, अत्यधिक परिश्रमी, संग्रहकर्ता, शत्रुओं का दमन करने वाले, महत्वाकांक्षी, क्रोधी, असत्यवादी, गुणी, प्रेमी, सुखी, चतुर, सहनशील, हंसमुख, सन्तोषी, एकान्त प्रिय, पापयुक्त विचित्र, कर्म करने वाला, तथा पुरूषार्थी होंगे। जीवन-साथी सुन्दर, रूपवान, शान्त स्वभाव, नम्र, गुणवान, तथा देव-ब्राह्मणों के पूजक होंगे। आपकी संताने रूपवान, स्वस्थ तथा सहगुणी होंगी।
 
चाहे आप उच्च स्तर पर रहें, अथवा निम्न स्तर पर, चाहे आप ग्राहक हो या प्रदाता ओजपूर्ण हों अथवा शीतल आप अपने प्रभाव को दूसरों पर अवश्य छोड़ने वाले होंगे। सिद्धांतो के लिये संधर्ष करने वाले होंगे। आपको हीन अथवा श्रेष्ठ कहना गलत होगा। आपकी प्रकृति चुनौैती प्रदान एवं अभिलाषा पूर्ण होगी। आपकी रूचियां एवं अरूचियां चरम सीमा की होंगी, आपमें मध्यमार्ग को नहीं ढूंढ़ा जा सकता। आप को परम्पराओं के प्रति कोई प्रेम नहीं होगा। आप नव निर्माण के लिये पुरातन को धराशायी करने में नहीं हिचकेंगेे। आपका यही व्यवहार सामान्य व्यक्तियों के साथ भी रहेगा। आप चाहते हैं कि लोग आपको समझें और जानें, परन्तु सदैव योग्य व्यक्तियों की प्राप्ति का अभाव आपको इस सम्बंध मेें रियायत बरतने को बाध्य कर सकता है। आप अपने मानदण्ड से अपनी विज्ञप्ति चाहते हैं, यह स्थिति प्रौढ़ता को आवश्यक कर देगी। यदि दूसरा पक्ष भी प्रौढ़ होगा तो आपको समझने में समर्थ हो सकता है। प्रौढ़ता एवं बुद्धिमता के अभाव में आप अपने लिये स्वयं ही समस्यायें उत्पन्न कर सकते हैं। अपनी शर्तो तथा बुद्धिमता को सर्वश्रेष्ठ मानने के कारण आप शीध्र ही असंतुष्ट और दुःखी हो जायेंगे। आप शक्ति के प्रशंसक होंगे और भयंकर प्रतियोगी होंगे। दूसरे के कष्ट तथा कठिनाइयों के प्रति भी आपमें सहानुभूति होगी।