"महावीर": अवतरणों में अंतर

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=== काव्यात्मक ===
* [[आचार्य समन्तभद्र]] विरचित स्वयंभूस्तोत्र“स्वयंभूस्तोत्र” चौबीस तीर्थंकर भगवानों की स्तुति है। इसके आठ श्लोक भगवान महावीर को समर्पित है। {{sfn|Vijay K. Jain|2015|p=164–169}}
* आचार्य समन्तभद्र विरचित '''युक्तानुशासन''' एक काव्य रचना है जिसके ६४ श्लोकों में तीर्थंकर महावीर की स्तुति की गयी है।{{sfn|Gokulchandra Jain|2015|p=84}}
* '''वर्धमान स्तोत्र'''- ६४ श्लोक में महावीर स्वामी की स्तुती की गयी है। इसकी रचना [[मुनि प्रण्मयसागरप्रणम्यसागर]] जी द्वाराने की गयीहै<ref>{{साँचा:Cite book|last = प्रणम्यसागर|first = मुनि|date = २०१८|title =वर्धमान स्तोत्रम्|publisher = आचार्य अकलंकदेव जैनविद्या शोधालय समिति|pp=iii-xx|isbn = 978-81-939298-1-0}}</ref>। मुनि प्रणम्यसागर ने वीरष्टकम भी लिखा है।
* महाकवि पदम कृत महावीर रास - इसका रचना काल वि•स• की 18वीं सदी का [[मध्यकालीन भारत|मध्यकाल]] है। इसका प्रथम बार [[हिन्दी|हिंदी]] अनुवाद और संपादन डॉ. विद्यावती जैन जी द्वारा किया गया था। यह 1994 में प्राच्य श्रमण भारती द्वारा प्रकाशित किया गया था।