"माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश": अवतरणों में अंतर

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|city = क्षेत्रीय कार्यालय:<br />[[मेरठ]], [[वाराणसी]], [[गोरखपुर]], [[बरेली]], [[प्रयागराज]]
|state = संपूर्ण [[उत्तर प्रदेश]]
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|campus = मुख्यालय: [[इलाहाबाद|प्रयागराज]]
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'''माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश''' ([[उच्चारण]]: Board of High School & Intermediate Education) एक परीक्षा लेने वाली संस्था है। इसका मुख्यालय [[इलाहाबाद|प्रयागराज]] में है। यह दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा संचालित करने वाली संस्था है। इसे संक्षेप में "यूपी बोर्ड" के नाम से भी जाना जाता है। बोर्ड ने १०+२ शिक्षा प्रणाली अपनायी हुई है। यह १०वीं एवं १२वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिये सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करता है। माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की स्थापना सन् १९२१ में [[इलाहाबाद|प्रयागराज]] में संयुक्त प्रान्त वैधानिक परिषद (''यूनाइटेड प्रोविन्स लेजिस्लेटिव काउन्सिल'') के एक अधिनियम द्वारा की गई थी।<ref name="बारे">[http://upmsp.nic.in/aboutus.htm माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश]-आधिकारिक जालस्थल- अबाउट अस</ref> इसने सबसे पहले सन् १९२३ में परीक्षा आयोजित की। यह भारत का प्रथम शिक्षा बोर्ड था जिसने सर्वप्रथम १०+२ परीक्षा पद्धति अपनायी थी। इस पद्धति के अंतर्गत्त प्रथम सार्वजनिक (बोर्ड) परीक्षा का आयोजन १० वर्षों की शिक्षा उपरांत, जिसे हाई-स्कूल परीक्षा एवं द्वितीय सार्वजनिक परीक्षा १०+२=१२ वर्ष की शिक्षा के उपरांत दिये जाते हैं, जिसे इंटरमीडियेट परीक्षा कहते हैं। इसके पहले [['''प्रयागराज विश्वविद्यालय]]''' "हाई स्कूल" एवं "इण्टरमिडिएट" की परीक्षाएं आयोजित करता था।
 
उत्तर प्रदेश बोर्ड का मुख्य कार्य राज्य में हाई स्कूल एवं इण्टरमिडिएट की परीक्षा आयोजित करना होता है। इसके अलावा राज्य में स्थित विद्यालयों को मान्यता देना, हाई स्कूल एवं इण्टरमिडिएट स्तर के लिये पाठ्यक्रम एवं पुस्तकें निर्धारित करना भी प्रमुख कार्य है। साथ ही बोर्ड अन्य बोर्डों द्वारा ली गयी परीक्षाओं को तुल्यता प्रदान करता है। आने वाले समय में सदा बढ़ते रहने वाले कार्यभार को देखते हुए, बोर्ड को पूरे क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के इलाहाबाद स्थित केन्द्रीय कार्यालय से कई समस्याओं का नियंत्रण और संचालन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अतः बोर्ड के पाँँच क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना [[मेरठ]] (१९७३), [[वाराणसी]] (१९७८), [[बरेली]] (१९८१), [[प्रयागराज]] (१९८७), [[गोरखपुर]] (२०१६), में की गई। इन कार्यालयों में क्षेत्रीय सचिवों की नियुक्ति की गईं, जिनके ऊपर [[इलाहाबाद]] स्थित मुख्यालय के सचिव प्रधान कार्यपालक के रूप में कार्यरत रहते हैं। कुछ वर्ष पूर्व [[रामनगर]], [[नैनीताल]] स्थित कार्यालय को [८ नवंबर], (२०००) को [[उत्तरांचल]] राज्य के गठन के समय यू.पी.बोर्ड से अलग कर दिया गया। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार बोर्ड ३२ लाख से अधिक छात्रों की परीक्षाएं संचालित करता है।
 
उत्तर प्रदेश में कुछ माध्यमिक विद्यालय [काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस] (आई.सी.एस.ई बोर्ड) एवं [केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड] (सी.बी.एस.ई) द्वारा प्रशासित हैं, वर्ना अधिकांश माध्यमिक विद्यालय उ.प्र.बोर्ड की मान्यता प्राप्त हैं। वर्तमान में ९१२१ माध्यमिक विद्यालय इस बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।<ref name="बारे"/>