"तात्या टोपे": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
तात्या का जन्म [[महाराष्ट्र]] में नासिक के निकट पटौदा जिले के येवला नामक गाँव में एक देशस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता [[पाण्डुरंग राव भट्ट़]] (मावलेकर), [[बाजीराव द्वितीय|पेशवा बाजीराव द्वितीय]] के घरू कर्मचारियों में से थे। बाजीराव के प्रति स्वामिभक्त होने के कारण वे बाजीराव के साथ सन् [[१८१८]] में [[बिठूर]] चले गये थे। तात्या का वास्तविक नाम [[तात्या टोपे|रामचंद्र पाण्डुरंग राव]] था, परंतु लोग स्नेह से उन्हें तात्या के नाम से पुकारते थे। तात्या का जन्म सन् [[१८१४]] माना जाता है। अपने आठ भाई-बहनों में तात्या सबसे बडे थे।
 
कुछ समय तक तात्या ने [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी|ईस्ट इंडिया कम्पनी]] में [[बंगाल आर्मी]] की तोपखाना रेजीमेंट में भी काम किया था, परन्तु स्वतंत्र चेता और स्वाभिमानी तात्या के लिए अंग्रेजों की नौकरी असह्य थी। इसलिए बहुत जल्दी उन्होंने उस नौकरी से छुटकारा पा लिया और बाजीराव की नौकरी में वापस आ गये। कहते हैं तोपखाने में नौकरी के कारण ही उनके नाम के साथ टोपे जुड गया, परंतु कुछ लोग इस संबंध में एक अलग किस्सा बतलाते हैं। कहा जाता है कि बाजीराव ने तात्या को एक बेशकीमती और नायाब टोपी दी थी। तात्या इस टोपे को बडे चाव से पहनते थे। अतः बडे ठाट-बाट से वह टोपी पहनने के कारण लोग उन्हें तात्या टोपी या तात्या टोपे के नाम से पुकारने लगे।वह आजन्म अविवाहित रहे।