"काठमाण्डु": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
काठमांडू के सबसे प्राचीन सभ्यता का ऐतिहासिक प्रमाण नही है, परन्तु इस के बारे में विभिन्न धार्मिक पुस्तक एवं वंशावलीयौंवंशावलियोंं मे लिखा हुवाहुआ है। स्वयंभू पुराण अनुसार काठमांडू उपत्यका एक विशाल तालाब था। महाचीन के बोधिसत्त्व मंजुश्री ने इस तालाब के दक्षिणी भाग में अवस्थित कक्षपाल पर्वत और गुह्येश्वरी क्षेत्र में अपने चन्द्रह्रास खड्ग से प्रहार करके इस तालाब के पानी को निकाल दिया।<ref>संक्षिप्त स्वयम्भू पुराण</ref><ref name="kmnp2">[http://www.kathmandu.gov.np/index.php?cid=4&pr_id=4 काठमांडू महानगरपालिका]</ref> भूगोलविद भी यह तथ्य मानते है कि काठमाडौं पहले एक तालाब था। मंजुश्री ने धर्म रक्षित राज्य स्थापना करने के लिए एक मंजुपतन नगर का स्थापना किया (हाल के मजिपात टोल के स्थान में) और धर्माकर को इस नये राज्य का राजा बनाकर चीन लौटे।
[[चित्र:Medbud BuddhaManjushri.jpg|thumb|right|[[मंजुश्री|मंजुश्री (चन्द्रह्रास खड्ग सहित)]], बोधिसत्त्व जिन्हेजिन्हेंं काठमांडू निर्माण का श्रेय दिया जाता है।]]
गोपाल वंशावली अनुसार गोपाल वंश के लोग इस स्थान में भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी के रूप में गाय चराते हुए इस स्थान पर पहुंचे और यहायहॉं बस गए।
 
=== परापूर्वकाल ===
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सन १२०० से सन १७६८ तक इस नगर में मल्ल राजाऔं का राज रहा।<ref name="kmnp2"/> मल्लकाल में यह नगर नेपाली मल्ल गणराज्यौं मे से एक कांतिपुर राज्य का राजधानी रहा। इस काल में यह नगर में कला का बहुत विकास और विस्तार हुआ।<ref name="kmnp2"/> यह नगर के ज्यादा मंदिर, चैत्य आदि इसी काल में निर्माण हुआ था। इस काल में इस नगर में धार्मिक सहिष्णुता, तंत्र विद्या, वास्तु, अर्थतंत्र आदि का विकास एवं विस्तार हुआ। इस काल में कांतिपुर लगायत के नेपाली मल्ल गणराज्य में रहने वाले विभिन्न नश्ल, धर्म, जाति आदि के लोगों नें एक संगठित राज्य का रूप लिया और इस राज्य में रहने वाले लोगों को नेपामि, नेवा वा नेपाली कहा गया।
 
सन १७६० के दशक में काठमांडू मे आए हुए क्रिस्चियन पादरी नें उस समय में काठमांडू में १८,००० होनेकाहोने जिकरका जिक्र किया है।<ref name="kmnp2"/>
 
=== शाहकाल ===
गोरखा के राजा पृथ्वी नारायण शाह ने 1768 में मल्ल गणराज्य का अन्त्य कर गोर्खाली नेपाल राज्य का स्थापना किया। गोर्खालीद्वारा कान्तिपुर नगर के विजय के साथ ही कान्तिपुर नगर वा काठमांडू गोर्खाली नेपाल का राजधानी बन गया। शाह के हुकुम में राणाऔं के समय में इस नगर में राजप्रासाद तथा महल निर्माण में नेपाली वास्तु का प्रयोजन छोडकर मुघल एवं पाश्चात्य वास्तु का अनुशरण शुरु हुआ। राणाऔं के समय में बना सिंह दरबार एक विश्वप्रसिद्ध दरबार है जिसमे अभी नेपाल के प्रधानमंत्री लगायत प्रायः मंत्रालय, सर्वोच्च अदालत आदि अवस्थित है। सन १९३४ का महाभूकंप नें नगर के प्रायः क्षेत्र को ध्वस्त कर दिया। परन्तु, इस भूकंप के बाद यह नगर पहले के ही स्वरूप में फिर बनाया गया।<ref name="kmnp2"/> भूकंप के बाद नगर में न्यु रोड नामक मार्ग बनाया गया जहां बेलायती शैली में घर, पार्क, दोकान, सिनेमाघर आदि का निर्माण किया गया। 1950 में इस शहर की सीमाएं विदेशी पर्यटकों के लिए खोली गईं थीं।थी। तब से आज तक सैलानियों के यहांयहॉं आने का सिलसिला जारी है।
 
== भूगोल और मौसम ==